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Azam Khan के बेटे अब्दुल्ला पर योगी सरकार का शिकंजा, 6 साल तक चुनाव लड़ने पर लग सकती है रोक दरअसल, एसएसपी ने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को जनहित में पारदर्शिता के साथ पूर्ण मनोयोग से कार्य करने के लिए कहा था। इसके साथ ही उन्हाेंने लापरवाही सामने आऩे पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की बात भी कही थी। इसी के चलते उन्हाेंने आरक्षी अक्षय कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी है। दरअसल जांच में सामने आया है कि वह 2012 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था तभी से वह लगातार गैरहाजिर चल रहा था। 2014 में बीएसएफ से उसे बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद वह आरक्षी 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में उक्त बर्खास्तगी के तथ्यों को छुपाते हुए भर्ती हो गया था। संपूर्ण प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक नगर द्वारा कराई गई तो उक्त आरक्षी पर लगाए गए आरोप सत्य पाए गए।
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गाजियाबाद के हुक्काबार में पुलिस ने मारा छापा, 50 से अधिक लड़के-लड़कियां हिरासत में इसके अलावा एक अन्य मामला सामने आया है। आराेप है कि एक कम्प्यूटर ऑपरेटर ने वादी से 15 हजार रुपये की मांग की। अनैतिक रूप से मांग करने के आरोपों में गोपनीय जांच के आधार पर कंप्यूटर ऑपरेटर गजेंद्र सिंह थाना लोनी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। एसएसपी की इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। एसएसपी ने साफ कह दिया कि अगर किसी भी पुलिसकर्मी पर भ्रष्टाचार के आराेप लगते हैं और जांच में आराेप सही पाए जाते हैं ताे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।