गाज़ियाबाद

5 April: मिट्टी के दीये नहीं मिले तो संतरे में जला दिया दीपक, मुस्तफा ने कहा— जय हिंद

Highlights

5 April की रात को लोगों ने घरों में जलाए दीपक
Model Town निवासी महिला को नहीं मिले मिट्टी के दीए
दूधेश्वर नाथ मंदिर में पुजारियों ने जलाए 1100 दीपक

गाज़ियाबादApr 06, 2020 / 09:43 am

sharad asthana

गाजियाबाद। 5 अप्रैल (April) की रात 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अपील पर पूरे देश दीयों की रोशनी से जगमगा उठा था। गाजियाबाद (Ghaziabad) में भी रात 9 बजे सबके घरों की लाइटें बंद हो गईं और बालकनी और छतों पर दीये दिखने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने आतिशबाजी भी की।
इस वजह से नहीं मिले दीये

5 अप्रैल जैसे ही रात के 9 बजे तो लोगों ने अपने घर की लाइट बंदकर घर के दरवाजे या बालकनी में दीपक और मोमबत्ती जलाकर प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन किया। मॉडल टाउन इलाके में रहने वाली सारिका सक्सेना ने बताया कि लॉकडाऊन के चलते मार्केट मे ज्यादातर दुकानें बंद चल रही हैं। ऐसे में उनके मन में विचार आया कि क्यों ना संतरे के छिलके से दीए बनाए जाएं। उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर संतरे के छिलके से दीए बनाए। उसमें सरसो का तेल डालकर उन्होंने घर के दरवाजे पर दीपक जलाए।
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मुस्तफा के परिवार ने जलाई मोमबत्ती

साहिबाबाद निवासी मुस्लिम परिवार ने भी प्रधानमंत्री कीअपील पर मोमबत्ती जलाकर अपना समर्थन जताया है। साहिबाबाद में रहने वाले मुस्तफा ने परिवार समेत मोमबत्ती जलाकर एकजुटता परिचय दिया। मुस्तफा ने बताया कि वह और उसका पूरा परिवार प्रधानमंत्री के द्वारा की गई इस अपील का पूरी तरह समर्थन करते हैं। मुस्तफा ने बाकायदा पहले उन्होंने जय हिंद बोला और फिर जय भारत बोलते हुए दीपक जलाए।
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यह कहा महंत ने

रात 9 बजे गाजियाबाद के प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर की भी सभी बत्ती बंद कर दी गईं। महंत नारायण गिरी के नेतृत्व में वहां पुजारियों ने 1100 दीपक जलाए। मंदिर के कपाट काफी दिन से बंद हैं। कपाट बंद होने के बाद अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है। महंत का कहना है कि मान्यता है कि जहां दीपक जलता है, वहां आसपास कोई भी निगेटिविटी नहीं रहती है। दीपक से निकल रही रोशनी से यह महसूस हो रहा है कि जल्द ही इस महामारी से छुटकारा मिल जाएगा।

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