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पेरिस मॉडल की तर्ज पर रैपिड रेल के जरिये दिल्ली से यूपी तक मिनटों पहुंचेगा जरूरी सामान, जानिये क्या है पूरा प्लान

locationगाज़ियाबादPublished: Jul 21, 2021 02:21:41 pm

Submitted by:

lokesh verma

एनसीआरटीसी ने बनाया दिल्ली से यूपी, हरियाणा और राजस्थान में रैपिड रेल के डिपो बनाने का प्लान।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. रैपिड रेल (Rapid Rail) से जहां लोग घंटों का सफर मिनटों में तय कर पाएंगे, वहीं रैपिड रेल आम लोगों की जरूरत के सामान को पहुंचाने का कार्य करेगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) पेरिस मॉडल के आधार पर करेगी। इसके लिए यूपी, दिल्ली और हरियाणा में डिपो बनेंगे और सामान उतारने के लिए यार्ड भी बनाए जाएंगे। जहां से सामान को अन्य वाहनों की सहायता से अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा। इससे माल भेजने में सुगमता के साथ मेरठ से दिल्ली और दिल्ली से हरियाणा के बीच ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।
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बता दें कि एनसीआरटीसी तीन रैपिड रेल कॉरिडोर बना रहा है। पहले चरण में दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ और दूसरे चरण में सराय काले खां से पानीपत तो तीसरे चरण में सराय काले खां से अलवर तक रैपिड रेल कॉरिडोर बनाए जाएंंगे। दिल्ली स्थित सराय काले खां रैपिड रेल ट्रांजिट हब के रूप में विकसित होगा। दरअसल, अभी तक दिल्ली से सामान के लाने ले जाने के लिए तीन दिन तक लग जाते हैं। जबकि रैपिड रेल के शुरू होने के बाद यहां से महज कुछ मिनटों में ही जरूरी सामान गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा।
दिल्ली में घटेगा प्रदूषण

एनसीआरटीसी की ओर से 2018 में जारी की गई विश्व के देशों की प्रदूषित राजधानियों की सूची में दिल्ली पहले स्थान पर थी। यहां पीएम 2.5 का स्तर 114 यानी बेहद खतरनाक स्तर पर रहता है। जबकि बीजिंग, आबूधाबी, लंदन और मनीला का स्थान भी इसके बाद ही आता है। रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली में सर्वाधिक 41 फीसदी प्रदूषण व्यावसायिक वाहनों के कारण ही होता है। रैपिड रेल के जरिये माल ढुलाई से यहां प्रदूषण का स्तर सुधरेगा। इसके साथ ही मेरठ और हरियाणा की ओर से आने वाले निजी वाहनों की संख्या भी घटेगी, जिससे यहां प्रदूषण के साथ ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।
पेरिस मॉडल पर एक नजर

यहां बता दें कि फ्रांस की राजधानी पेरिस से बर्सी सिटी और कॉम्बस लॉ विले के बीच 30 किलोमीटर की दूरी है। वहां जरूरी सामान को रीजनल ट्रेन सर्विस के जरिये एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाया जाता है। वहां रीजनल ट्रेन सर्विस की रफ्तार 140 किलोमीटर प्रतिघंटा है। रीजनल ट्रेन सर्विस का सामान लाने ले जाने के लिए 24 घंटे में एक बार ही संचालन होता है। 16 मालवाहक कोच लगी ट्रेन से बंद बोतल लिक्विड, घर का जरूरी सामान भेजा जाता है। स्टेशन पर सामान पहुंचने के बाद उसे सीएनजी ट्रकों के जरिये गंतव्यों तक पहुंचाया जाता है। एनसीआरटीसी ने इसी मॉडल का अध्ययन कर इसे देश में लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है।
यहां बनाए जाएंगे डिपो

उत्तर प्रदेश के दुहाई और और मोदीपुरम मेंं।
हरियाणा के पानीपत और मुर्थल में।
राजस्थान के धारूहेड़ा में।
दिल्ली में जंगपुरा सेंटर।

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