मुस्लिम युवक ने रचा पूरा खेल आईएएस अधिकारी के. सारंगी ने दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया कि उनकी बेटी डॉ. हर्ष भारती सारंगी 2016 में यूक्रेन से एमबीबीएस कर के लौटी थी। उधर, मेरठ के मवाना का एक मुस्लिम युवक अब्दुल रहमान साल 2017 से उसके पीछे पड़ा था। उसने पहले साजिश रची और उसके तहत उनकी बेटी को अपने जाल में फंसा लिया था। आरोप है कि पहले युवक ने उनकी बेटी को घायल किया, उसके बाद झूठी सहानुभूति दिखाकर उसे अपने साथ रखने लगा। इस खेल में मौलानाओं ने भी युवक का साथ दिया।
शादी की बात मनवाने के लिए चेहरा जलाने की कोशिश के. सारंगी के मुताबिक, आरोपी युवक ने शादी की बात मनवाने के लिए पहले खौलते तेल से बेटी का चेहरा जलाने की कोशिश की ताकि उससे शादी की बात मानने के सिवाय उसके पास कोई चारा न रहे। उसने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए नवंबर 2018 में मंदिर में शादी रचाकर इसका पंजीकरण भी कराया। शादी के बाद से अब्दुल रहमान और हर्ष भारती नोएडा में रह रहे हैं। एफआईआर में अब्दुल रहमान, वैदिक हिंदू सभा, गाजियाबाद के पदाधिकारी, आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट, दिल्ली के पदाधिकारी नामजद हैं।
और भी लड़कियां जाल में फंसी के. सारंगी ने एफआईआर में कहा कि लव जिहाद की इस साजिश में सिर्फ उनकी बेटी नहीं, और भी लड़कियां फंसी हैं। उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई है कि इस केस में कड़ी कार्रवाई की जाए, जिससे अन्य लड़कियां सुरक्षित माहौल में रह सकें। उधर, पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी के इस मामले में नामजद दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। उन्हें बुलाया गया है। उनसे पूछा जाएगा कि अलग-अलग धर्म के युवक-युवती की शादी का प्रमाणपत्र किस आधार पर जारी किया गया।