अचार फैक्ट्री के बेसमेंट में सफाई करने गए तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत ज्ञात हो कि गाजियाबाद के शहीद नगर, फरुर्खनगर और लोनी के रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। यहां आए दिन लोगों की मौत के बड़े-बड़े मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। बता दें कि लोनी में जहां 3 मजदूरों की मौत हुई है। इसी तरह शहीद नगर की अवैध फैक्ट्रियों में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं फरुर्खनगर में 2017 में ब्लास्ट के दौरान 5 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह ये अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियां 22 लोगों की जिंदगी को लील चुकी हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया चंद्रशेखर से किनारा तो कांग्रेस ने लगाया गले आरटीआई एक्टिविस्ट राजीव शर्मा कहते हैं कि गाजियाबाद में काफी संख्या में अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं, जिन्हें बंद कराने के लिए बार-बार मांग की जाती रही है, लेकिन अधिकारी इसके लिए कोई मजबूत पहल नहीं कर रहे हैं, ताकि लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके। राजीव शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट में दायर पीआईएल के तहत प्रशासन ने पिछले साल लोनी में करीब 750 फैक्ट्रियों को सील किया था। साथ ही 250 से अधिक फैक्ट्रियों को तोड़ा गया था। जबकि लोनी में हजारों अवैध फैक्ट्री चलने की जानकारी दी गई थी। वे कहते हैं कि इन फैक्ट्रियों में लाखों मजदूर जान जोखिम में डालकर रोजाना काम करते हैं।
लोनी में तीन मजदूूरों की मौत के बाद प्रशासन ने अचार फैक्ट्री की जांच के आदेश तो दे दिए हैं, लेकिन अभी तक यहां चल रही हजारों फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसने के प्रति जिला प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है। हालांकि गाजियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट यशवर्धन ने कहा है कि अवैध कारखानों पर कार्रवाई की जा रही है। अभी तक 100 अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ सील करने की कार्रवाई हो चुकी है।
बी. चंद्रकला के बाद अब इस आईएएस ने की बड़ी कार्रवाई, एसपी सिटी और नगर आयुक्त समेत 11 बड़े अफसरों की सैलरी रोकी टैंक में गैस बनी मौत का सबब बता देें कि रविवार को लोनी की ट्रोनिका सिटी स्थित एक अचार फैक्ट्री है। फैक्ट्री के बेसमेंट में ही एक अचार का टैंक भी है, जिसकी सफाई करने के लिए तीनों मजदूर में इसमें घुसे थे। ऐसी आशंका है कि टैंक में गैस बनी हुई थी, जिसकी वजह से तीनों का दम घुट गया। काफी देर तक जब तीनों बाहर नहीं आए, तो अन्य कर्मचारियों ने उनको आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। यहां पुलिस की टीम को शव निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस हादसे में मारे गए मजदूरों के नाम लवकुश, दुलार और हृदय राज दुबे हैं।