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यूपी के इस जिले में दोहरा सकता है वाराणसी जैसा दर्दनाक हादसा, ये बन सकती है वजह

locationगाज़ियाबादPublished: May 16, 2018 03:56:56 pm

Submitted by:

Nitin Sharma

पहले भी गार्डन गिरने से हो चुकी है एक की मौत

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तेजस चौहान/गाजियाबाद।उत्तर प्रदेश के वाराणसी रेलवे कैंट एरिया में मंगलवार हुए दर्दनाक हादसे के बाद भी अधिकारी सर्तक नहीं हो रहे है। यहीं डर है कि एेसा दर्दनाक हादसा यूपी के गाजियाबाद में न दोहरा जाये। इसकी वजह यहां निर्माणधीन मेट्रो में लगे लोहे के गाटर हो सकते है। इसकी वजह यहां लगे लोहे के गाटरों में बोल्ट तक कसे न होना है। इसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा होने का डर बना हुआ है। वहीं डीएमआरसी अधिकारी इसको लेकर जरा भी सर्तक नहीं है।वहीं आप को बता दें कि बीती 23 अप्रैल को गाजियाबाद के मोहननगर इलाके में गार्डर गिरने से मौके से गुजर रहे सात लोग घायल हो गये थे।बावजूद उसके अभी भी डीएमआरसी के कर्मचारी सतर्क नहीं हुए हैं।

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यहां पहले भी हो चुका है एेसा हादसा

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दिलशाद गार्डन से लेकर गाजियाबाद नई बस स्टैंड मेट्रो का निर्माण कार्य चल रहा है और यह निर्माण कार्य चलने के दौरान भी उस सड़क के वाहनों को नहीं रोका गया है। हाल ही में 23 अप्रैल को मोहन नगर चौराहे पर मेट्रो लाइन का एक लोहे का गार्डर नीचे गिर गया था। जिसके चलते करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए थे और उसमें एक युवती की मौत भी हो गई थी। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया गया और डीएमआरसी के अधिकारियों से भी पूरी जानकारी ली गई। जिसके बाद डीएमआरसी के कई कर्मचारियों पर इसकी गाज गिरी और सभी घायलों का इलाज भी डीएमआरसी द्वारा ही कराया गया था।

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ghaziabad

हादसे के बाद भी इस हाल में दिखे गाटर के बोल्ट

वहीं मंगलवार को भी वाराणसी में एक दर्दनाक हादसा हुआ।लेकिन इसके बाद भी गाजियाबाद में डीएमआरसी अधिकारी सर्तक नहीं हो रहे है।आप देख सकते है कि यहां लगाए गए लोहे के बड़े-बड़े गार्डन जिनमें बड़े-बड़े नट बोल्ट लगे हुए हैं। लेकिन इनमें बोल्ट लगे हुए तो जरूर नजर आ रहे हैं लेकिन यह पूरी तरह नहीं कसे गए हैं। जिससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि यह डीएमआरसी के कर्मचारियों की घोर लापरवाही है। जिसके कारण फिर कोई बड़ा हादसा हो सकता है। भले ही डीएमआरसी के कर्मचारी यह सफाई दें कि जहां पर लोहे के गार्डन लगाए गए हैं उन्हें नट बोल्ट कसने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन बड़ा सवाल यह है।यदि ऐसा है तो फिर यहां इतने बड़े-बड़े नट बोल्ट किस लिए लगाए गये। वहीं इस मामले में जब पत्रिका संवाददाता ने मामले में वहां मौजूद डीएमआरसी के कर्मचारियों से जानकारी ली गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।इसके अलावा संवाददाता द्वारा डीएमआरसी के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज दयाल से फोन पर जानकारी लेनी चाही।तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया और इस पूरे मामले में जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

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