इस शहर में भाजपा पार्षद ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के काम की खोली पोल
बीओटी पर बनाए फुट ओवर ब्रिज के निर्माण में बरती गयी अनियमिता, नियम के हिसाब से एफओबी से उतरने के लिए लगाए जाने थे एस्किलटर,

गाजियाबाद। नगर निगम ग़ज़ियाबाद लगातार अपने विकास कार्यो की सफलता और उनके घोटाले को लेकर चर्चा में रह है। पिछले कार्यकाल में तैयार बीओटी पर तैयार किये गए फुट ओवर ब्रिज के निर्माण पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए है। भाजपा के ही पार्षद ने इन पर सवाल खड़े करते हुए नगर आयुक्त से इनमें बरती गई खामियो की शिकायत की गई है। शिकायत में स्पष्ट किया गया है कि फुट ओवर ब्रिज के नीचे नियम के हिसाब से पब्लिक टॉयलेट बनने थे। लेकिन बनाने वाली कंपनियों ने ऐसा नही किया। मामला हाई लाइट होने के बाद में नगर आयुक्त ने फाइल को तलब किया है।
भाजपा के पार्षद ने ही खोला है मोर्चा
भारतीय जनता पार्टी के पार्षद राजीव शर्मा ने इसपर मोर्चा खोलते हुए लेटर के जरिये शिकायत की है। जिसमे बताया गया है कि निगम द्वारा विभिन्न चौराहों और व्यस्त मुख्य मार्गों को जाम और पैदल यात्रियों द्वारा पथ पार करने में होने वाली असुविधा को देखते हुए बीओटी आधार पर फुटओवर ब्रिज का निर्माण कराया था। इस फुटओवर ब्रिज की अनुमति इस शर्त पर दी जाती है कि आम जनता की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्हें आर-पार जाने के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, साथ ही फुटओवर ब्रिज की अनुमति के साथ जुड़ी शर्तों का उल्लंघन न हो। अब फुटओवर ब्रिज पर नगर निगम द्वारा जारी शर्तों का पालन नहीं हो रहा है और आय के लिए विज्ञापन लगातार लगाए जा रहे हैं।
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निगम से की गई ये मांग
पार्षद राजीव शर्मा के मुताबिक फुटओवर ब्रिज पर निर्माता कंपनी द्वारा न तो आम जनता को सुविधा उपलब्ध कराई गई और न ही नगर निगम की शर्तों का अनुपालन हुआ। इसलिए कंपनी द्वारा की जा रही शर्तों के उल्लंघन की जांच हो और दोषी पाए जाने पर इन कंपनियों द्वारा लगातार विज्ञापन कर वसूली की धनराशि पर अर्थदंड लगाया जाए और भविष्य में शर्तों को पूरा न होने तक फुटओवर ब्रिज पर विज्ञापन पट लगाने की अनुमति नहीं दी जाए।
बीओटी पर निर्माण के लिए करना होता है ये अनुबंध
नगर निगम के सूत्रों की माने तो बीओटी पर फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए एक अनुबन्ध किया जाता है। इसके तहत ब्यस्त जगह पर फुटओवर ब्रिज बनाया जाता है। जिसमें बड़े और बुजुर्गों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए चढ़ने की तरफ स्वचलित एस्किलटर लगाए जाते है और दूसरी तरफ उतरने के लिए सीढ़ी रहती है। इसके अलावा पिलर के खाली एरिया में पब्लिक टॉयलेट का निर्माण कराया जाता है। इसकी एवज में निर्माण करने वाली कंपनी एक निश्चित समय तक उस फुट ओवर ब्रिज पर अपने एड लगाकर लागत के रुपये को वसूलती है।
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नगर आयुक्त का कहना
नगर आयुक्त सीपी सिंह के मुताबिक किसी भी तरीके के काम मे अनियमिता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। बीओटी की फाइल को तलब किया गया है। नियम और शर्तों को देखने के बाद में खामी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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