विनोद कुमार (35) सीआरपीएफ 92 बटालियन में तैनात थे और मूल रूप से मोदीनगर के पतला कस्बे के रहने वाले थे। उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में ही चल रही थी। शुक्रवार दोपहर वह कुपवाड़ा में अपने साथियों के साथ आतंकवादियों से लोहा ले रहे थे। उसी दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने दो आतंकवादी मार गिराए। लेकिन सीआरपीएफ के एक अधिकारी समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इनमें विनोद कुमार भी शामिल थे। जवान के शहादत की खबर मिलते ही परिजनों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहीद विनोद कुमार अपने पीछे पत्नी नीतू, पुत्र अंश (9) व पुत्री एलिस उर्फ अनवी (6) को छोड़कर गए हैं। पत्नी तो पति की शहादत सुन कर बेहोश हो गई। जब भी उसे होश आया बस अपने पति को याद कर रोती रही। इनके अलावा परिवार में तीन भाई राजेंद्र, जोगेंद्र व पप्पू के अलावा बहन कुसुम व राजवती हैं। उनके घर पर गमजदा परिवार को सांत्वना देने वालों का तांता लगा है।
विनोद चौधरी चरण सिंह इंटर कॉलेज का छात्र रहे है। इसी कॉलेज के अब तक दो छात्र शहीद हो चुके हैं। पुलवामा में शहीद हुए अजय की शहादत की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि शुक्रवार की रात जब विनोद के शहीद होने की खबर ने सबको झकझोंर दिया। शनिवार शाम तक शहीद का शव पहुंचने की संभावना है। भारत मां और भारतीय लोगों की सुरक्षा के कारण अपनी जान को निछावर करने वाले जांबाज भारत मां के लाल की एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़क पर टकटकी लगाए हुए खड़े हैं।