कोरोना से मरने वाले मंत्री को सीएम योगी ने दिया बड़ा तोहफा, जानकर आप भी करेंगे तारीफ
कुमुदिनी के पिता सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। उनका कहना है कि बेटी ने 10वीं सेंट पॉल स्कूल राजनगर और 12वीं छबीलदास स्कूल से की। इसके बाद एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। बचपन से ही कुमुदिनी पढ़ने में होशियार रही हैं और अक्सर एक ही बात कहती थी कि पापा वर्दी की नौकरी करनी है। वह भी ऊंचे पद पर जिससे आपको नाज हो। उसका जो लक्ष्य था हमेशा मेहनत भी उसी हिसाब से की। बीटेक करने के बाद फोर्स में जाने की तैयारी में जुट गईं।कोरोना से मरने वाले मंत्री को सीएम योगी ने दिया बड़ा तोहफा, जानकर आप भी करेंगे तारीफ
दिसंबर 2018 में नेवी के अंदर कामयाबी हांसिल की। यहीं से उसकी जिंदगी का नया दौर शुरू हुआ। नौकरी ज्वाइन करने के बाद भी उसने अपनी इच्छाओं को खत्म नहीं होने दिया। नौकरी में भी कुछ नया करने में लगी रहीं। हमारी जब भी बात होती थी तो वह यही बताती थी कि पापा पढ़ रही हूं। बस बीच में समय निकाल कर अपनी मां अंजुला त्यागी या परिवार के अन्य लोगों से बात कर लेती है।कुमुदिनी का परिवार मूलरूप से मेरठ (Meerut ) के गांव खरखाैदा का रहना वाला है। दादा सुरेश चंद त्यागी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे, जिन्होंने 1985 में संजयनगर में ही अपना मकान बना लिया था। इसके बाद से पूरा परिवार यहीं पर रहता है। प्रवेश त्यागी बताते हैं कि परिवार के बाकी लोग खरखौदा में रहते हैं, जिनके साथ आना-जाना रहता है। कुमुदिनी के छोटे भाई ने भी अलीगढ़ से बीकॉम ऑनर्स किया है जो अब सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं।