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UP के इस शहर में 200 कॉलोनियों को अवैध करार दिए जाने पर तहसील में काम-धंधा हुआ चौपट

locationगाज़ियाबादPublished: Dec 26, 2018 06:34:32 pm

Submitted by:

Iftekhar

वकीलों और बैनामा लेखकों ने जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

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UP के इस शहर में 200 कॉलोनियों को अवैध करार दिए जाने पर तहसील में काम-धंधा हुआ चौपट

गाजियाबाद. जिला प्रशासन द्वारा जनपद के कई इलाकों में बनी हुई करीब 200 कॉलोनियों को अवैध घोषित कर दिया गया है । इतना ही नहीं इन इलाकों में पूरी तरह से प्रोपर्टी की खरीद-फरोख्त और इनकी रजिस्ट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके चलते इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग अपनी प्रॉपर्टी को अब न बेच सकते हैं और न ही खरीद सकते हैं। जिन लोगों ने इन्वेस्टमेंट के इरादे से इन कॉलोनियों में काफी पहले जमीन खरीद ली थी । वह अब अपनी जमीन बेचना चाहते हैं । लेकिन, वह बेच नहीं पा रहे हैं। इस प्रक्रिया के बाद से स्थानीय लोगों के साथ ही तहसील में बैठे बैनामा लेखक और वकील भी काफी प्रभावित हो रहे हैं । उनका कहना है कि जिस दिन से 200 कॉलोनियों को अवैध करार दिया गया है। उस दिन से यहां पर बैठने वाले बैनामा लेखक और वकीलों का काम एकदम चौपट हो गया है। वकीलों का आरोप है कि करोड़ों रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। बावजूद उसके जिला प्रशासन का इस ओर कतई ध्यान नहीं है। तहसील में बैठने वाले सभी बैनामा लेखक और वकील बुधवार को एक मंच पर आए। उन्होंने पैदल मार्च निकालकर जिलाधिकारी को इस बारे में ज्ञापन सौंपा है। साथ ही जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई।

गौरतलब है कि गाजियाबाद में 200 कॉलोनियों को अवैध घोषित करके उनकी रजिस्ट्री बंद कर दी गई थी। जिससे तहसील परिसर के अधिवक्ता बेहद गुस्से में हैं। इन लोगों ने बुधवार को एक मार्च निकाला है। इसके बाद जिला मुख्यालय पर जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की है। वकीलों का कहना है कि जब यह कॉलोनियां बन रही थी। उस समय क्यों ध्यान नहीं दिया गया। अब गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है। इससे अधिवक्ताओं का भी नुकसान हो रहा है। सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। तहसील परिसर में लोग रजिस्ट्री करवाने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं, क्योंकि उनके पुश्तैनी घर अब नहीं बिक पाएंगे । प्रशासन ने मनमाने तरीके से रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है । वकीलों का गुस्सा रोड से लेकर जिला मुख्यालय तक उतरा है।

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