रात से शुरू हो जाएगा जलाभिषेक पुलिस (Police), पीएसी (PAC), रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और नागरिक सुरक्षा के वार्डन पूरे मेला परिसर में हर वर्ष की तरह सुरक्षा देखेंगे। इसमें लगभग 32 सीसीटीवी कैमरों से मंदिर परिसर की निगरानी की जाएगी। जलाभिषेक गुरुवार 20 फरवरी की रात 12 बजे से शुरू होकर शुक्रवार 21 फरवरी की रात तक चलेगा। मंदिर के पीठाधीश्वर एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के प्रवक्ता नारायण गिरि ने कहा कि महाशिवरात्रि का व्रत शुक्रवार को रखा जाएगा।
108 प्रकार के व्यंजनों का लगेगा भोग शुक्रवार सुबह और शाम को आरती से पहले बाबा दूधेश्वर नाथ का भव्य श्रृंगार किया जाएगा। इसमें 108 प्रकार के व्यंजनों का भोग भी लगाया जाएगा। 20 फरवरी की रात को भगवान शिव की दिव्य एवं भव्य बारात का निकाली जाएगी। इसमें भगवान शिव नंदी (बैल) पर सवार होकर मां गौरा के घर प्रस्थान करेंगे, जहां पर मां गौरा भगवान शिव के गले मे जयमाला डालेंगी। उसके बाद विदाई समारोह का कार्यक्रम होगा।
कोलकाता व चेन्नई से भी मंगाए गए फूल मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग ने कहा कि बड़ी संख्या में शिव भक्त बारात में सम्मिलित होकर मंदिर में शिव विवाह का आनंद लेंगे। साथ ही विवाह उपरांत मां पार्वती की पालकी में विदाई की जाएगी। इस अवसर पर भगवान शिव के भजनों का निरंतर गुणगान होगा। मंदिर परिसर में रंग-बिरंगी लाइटों और कपड़ों से भी सजावट की जाएगी। इस बार दिल्ली-एनसीआर और आस-पास से बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसके लिए मंदिर समिति के लगभग 200 कार्यकर्ता और नागरिक सुरक्षा संगठन के वार्डन भी श्रद्धालुओं की सहायता करेंगे। सभी कार्यकर्ता वायरलेस सेट के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। मंदिर को सजाने के लिए कोलकाता, दिल्ली, मथुरा व चेन्नई आदि से फूलों को मगंवाया गया है।