गाज़ियाबाद

बड़ा खुलासा: यूपी के इस शहर में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बन गए कई अवैध बिल्डिंग

RTI से खुलासा हुआ है कि गाजियाबाद में सरकारी कर्मचारियों की मिलीगभत से पांच साल में कई अवैध बिल्डिंग बन गए हैं।

गाज़ियाबादJan 13, 2018 / 07:04 pm

Kaushlendra Pathak

गाजियाबाद। शहर के ऊंची इमारतों में रहनेवाले लोगों को सुखद और स्वच्छ पर्यावरण का अहसास कराने के लिए प्रशासन की ओर से ग्रीन बेल्ट विकसित किया गया है। लेकिन, महानगर में मैरिज बैंक्वेट हॉल संचालक गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे है। ट्रांस हिंडन के इंदिरापुरम में ग्रीन बेल्ट पर अवैध रूप से कई मैरिज बैंक्वेट हॉल और धार्मिक भवन बने हुए हैं। एक आरटीआई के जरिए पूरे मामले का खुलासा हुआ है। आरटीआई में प्राधिकरण की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि इनके निर्माण को लेकर किसी भी तरीके की अनुमति नहीं दी गई है।
अवैध रूप से बन गए दस बैंकेट ह़ॉल

इंदिरापुरम और वसुंधरा के बीच हिंडन नहर है। नहर के दोनों तरफ करोड़ों रुपये खर्च कर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने शक्तिखंड में हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट ) बनाई ताकि ऊंची-ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग सुबह और शाम यहां पर आकर घूम सके। धीरे- धीरे हरित पट्टी पर मंदिर , गुरुद्वारे, गिरजाघर सब बन गए। उसके देखा-देखी ग्रीन बेल्ट पर अब दस बैंक्वेट हॉल भी बन गए। अब ये अवैध रूप से बने बैंक्वेट हॉल इनके मालिकों व अधिकारियों के लिए कमाई का जरिया बन गया है।
Many illegal building formed by collusion of government officers in up
ग्रीन बेल्ट पर नहीं है निर्माण के आदेश

मेरठ मंडलायुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने महीने भर पहले ही स्पष्ट तौर पर आदेश दिए थे कि ग्रीन बेल्ट पर इस तरीके का निर्माण नहीं होने चाहिए। इसके अलावा उन्होंने जिलों के डीएम और एसएसपी को पत्र लिखा था कि मैरिज होम, मंडप या फॉर्म हाउस के बाहर शादी की चढ़त या आतिशबाजी होने पर उसे तुरंत सील कर दिया जाए।
लाखों करोड़ो की होती है कमाई

जानकारों के मुताबिक, इंदिरापुरम में ग्रीन बेल्ट पर बने इन दस मैरिज होम में शादी के सीजन में लाखों-करोड़ों रुपये की कमाई होती है। शादी के सीजन में एक मैरिज के लिए ये फार्म दो लाख से लेकर साढ़े तीन लाख रुपये तक लेते हैं। जबकि, मैरिज होम के पास वास्तविकता में अपनी कोई जमीन नहीं है। सिर्फ प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलीभगत से यह काम अवैध रूप से चल रहा है।
Many illegal building formed by collusion of government officers in up
आरटीआई एक्टिविस्ट ने कमिश्नर को की शिकायत

आरटीआई कार्यकर्ता आलोक कुमार ने बताया कि जीडीए से सूचना के अधिकार के तहत लगाई गई आरटीआई में पूछा गया था कि इंदिरापुरम में ग्रीन बेल्ट पर निर्माण के लिए अनुमति दी गई है। इस पर विभाग की तरफ से जबाव में बताया गया कि पांच साल में यह अवैध निर्माण हुआ है। इसके लिए किसी तरीके की अनुमति नहीं दी गई है। ग्रीन बेल्ट को विकसित करने के लिए कई फर्मों ने हामी भरी और फिर धीरे-धीरे कब्जा होता गया। अब यहां कर्मशियल गतिविधि के चलते भू-जल का भी दोहन बैंक्वेट हॉल कर रहे हैं। हालाकि, कार्रवाई के बारे में प्राधिकरण की तरफ से जबाव दिया गया कि नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। आरटीआई एक्टविस्ट के मुताबिक उन्होंने इस मामले में सबूतों के साथ मंडलायुक्त डॉ. प्रभात कुमार से भी शिकायत की है।

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