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यहां पराली जलाई तो खैर नहीं… लापरवाही करने पर मोबाइल स्क्वायड वसूलेगा जुर्माना

locationगाज़ियाबादPublished: Oct 04, 2022 01:36:54 pm

Submitted by:

Jyoti Singh

गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह ने खेतों में पराली या फसलों के अवशेष जलाने से रोकने के लिए एक मोबाइल स्क्वायड का गठन किया है। ये स्क्वायड पराली जलाने वालों पर नजर रखेगा। जो लापरवाही करेगा उससे जुर्माना वसूला जाएगा।

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Mobile squad will charge fine for burning straw in Ghaziabad

सर्दी की शुरुआत होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का ग्राफ एकाएक बढ़ने लग जाता है। जिसे रोकने के उद्देश्य से यूपी के जिला गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह ने कड़ा कदम उठाया है। इसी कड़ी में उन्होंने खेतों में पराली या फसल के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए एक मोबाइल स्क्वायड का गठन किया है। साथ ही डीएम ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए हैं। यदि इसके बावजूद भी कुछ लोग खेतों में पराली जलाते हुए पाए जाते हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे जुर्माने की भी वसूली की जाएगी। इस जुर्माने की वसूली नायब तहसीलदार और तहसीलदार द्वारा की जाएगी।
तीन दिन में देना होगा कारण बताओ नोटिस

बता दें कि प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से कृषि विभाग के अधिकारियों ने फसल कटाई से पहले ही प्रत्येक न्याय पंचायत, ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर जनपद स्तरीय किसानों के साथ एक बैठक की। इस दौरान फसल कटाई के बचे अवशेषों को किस तरह से नष्ट किया जाए, इसके बारे में जानकारी दी गई। जानकारी को अन्य किसानों तक भी पहुंचाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत राजस्व विभाग, कृषि विभाग अपशिष्ट जलाने वालों के विरुद्ध पर्यावरणीय को होने वाले नुकसान की वसूली के लिए संबंधित को 3 दिन के भीतर लेखपाल द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। तहसीलदार और नायब तहसीलदार सुनवाई करते हुए ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाएंगे।
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पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आमतौर पर इन दिनों में किसान अपनी फसल उठाने के बाद जो अवशेष बचते हैं। उन्हें खेत में ही जलाने का कार्य करते हैं। उससे प्रदूषण फैलता है और पर्यावरण को खासा नुकसान होता है। इसलिए इसे रोकने के उद्देश्य से जिले में पराली या फसल के अवशेष जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। साथ ही इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी किसानों को अवगत कराया जा चुका है। सभी संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को भी पराली जलाने वाले और फसल के अवशेष जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
हर इलाके में पैनी नजर रखेगा मोबाइल स्क्वायड

डीएम ने आगे बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए बाकायदा एक मोबाइल स्क्वायड का गठन किया गया है। इस मोबाइल स्क्वायड में उप जिलाधिकारी, पर्यवेक्षण अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी के साथ साथ गन्ना विभाग के अधिकारी और संबंधित थाने के प्रभारी सदस्य भी शामिल रहेंगे। ये सभी अधिकारी हर इलाके में भ्रमण कर इस बात पर पैनी नजर रखेंगे कि किस इलाके में पराली या फसल के अवशेष खेत में जलाए जा रहे हैं। जिला अधिकारी का कहना है कि प्रदूषण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आम लोगों का सहयोग भी बहुत जरूरी है।

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