गाजियाबाद। महानगर के नगर निगम में अफसरों के द्वारा किए गए डस्टबीन घोटाले की जड़ें काफी गहरी हैं। योजनाबद्ध तरीके से यूपी के कई बड़े शहरों में भी स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर 20 करोड़ से अधिक की धांधली की गई है। सामाजिक संस्था ने ऐसा आरोप लगाया है।
संस्था का दावा है कि इलाहबाद, गाजियाबाद और मेरठ में एक ही कंपनी के डस्टबीन को तीन शहरों में अलग-अलग कोटेशन के जरिए खरीदा गया। इन डस्टबीनों की कीमत 1650 और 1750 रुपये है। गाजियाबाद लोक परिषद संस्था ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या और गाजियाबाद सांसद वीके सिंह से इन घोटालों के दस्तावेजों के साथ में शिकायत की है। केशव प्रसाद मौर्या ने मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है।
9000 में खरीदा 1650 के डस्टबीन को गाजियाबाद लोक परिषद के महासचिव लवकुश ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर जमकर लूट-घसोट मचाई गई है। गाजियाबाद में नीलकमल कंपनी के डस्टबीन को 9000 हजार में, मेरठ में 9500 और इलाहाबाद में 11 हजार 500 में खरीदा गया। सभी की क्रमबद्ध तरीके से प्लानिंग के बाद खरीद फरोख्त की गई है। इसमें नगर आयुक्त की सहमति शामिल रही है। संस्था की तरफ से लवकुश ने नीलकमल कंपनी के अधिकृत विक्रेता से डस्टबीनों की कोटेशन निकलवाई तो वह 1750 रुपये से अधिक ही नहीं थी।
पीएम की छवि को नहीं पहुंचना चाहिए नुकसान
सामाजिक संस्था के मुताबिक, अफसरों की मिलीभगत से स्वच्छ भारत अभियान को खराब करके पीएम नरेन्द्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए इनकी उच्च स्तर से जांच की जानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कारवाई होनी चाहिए।