गाज़ियाबाद

फिर दोहराया गया मोदीनगर कांड, लापता स्कूली छात्रा का शव खेत में मिला

26 दिसंबर को गायब हुई थी पुजारी की नाबालिग बेटी, घटना से गुस्साएं लोगों ने शुरू की आंदोलन की तैयारी

गाज़ियाबादJan 13, 2018 / 01:23 pm

vaibhav sharma

गाजियाबाद। जनपद में एक बार फिर से मोदीनगर कांड दोहरा है। पिछली बार पूरे थाने को संस्पेड किए जाने के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लियया। अब फिर से 26 दिसंबर से लापता एक स्कूली छात्रा का शव गन्ने के खेत में मिला है। छात्रा के पिता की तरफ से अपहरण की आंशका जाहिर की गई थी। पुलिस की तरफ से गुमशुदगी दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई थी। कई बार पुलिस से अनहोनी की आंशका जताए जाने के बाद भी पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। अब छात्रा का शव खेत में मिलने के बाद में परिवार और आसपास के लोगों में तनाव का माहौल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल को इलाके में तैनात किया हुआ है। पंचनामा भरने के बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं गुस्साएं लोग आंदोलन की तैयारी कर रह है।
क्या है पूरा मामला
मोदीनगर की कृष्णा नगर गली नंबर 2 निवासी पंडित यशपाल शर्मा की 15 साल की नाबालिग स्कूली छात्रा का 26 दिसम्बर को अपहरण कर लिया गया। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज ना करते हुए गुमशुदगी दर्ज की। परिजनों का आरोप है कि इस मामले को पुलिस द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया ।जिसके बाद 10 दिन बाद कुछ सामाजिक कार्यकर्ता व सामाजिक संस्थाओ के सहयोग से पुलिस प्रशासन थोड़ी सा जागरूक हुआ ।
ढाई महीने में दर्ज किए गए है दस से अधिक केस
शहीद भगत सिंह समाज कल्याण ट्रस्ट के वकील लोकेंद्र कुमार आर्य ने बताया कि पिछले दो ढाई महीने के अंदर 10 से अधिक लड़कियों और बच्चों की गुमशुदी के केस दर्ज हैं ।जिनका अभी तक कुछ पता नही लग पाया है। उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय पहले बहुचर्चित 14 साल की बच्ची के रेप और निर्मम हत्याकांड ने सारे उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया था ।और पूरा मोदी नगर थाना लाइन हाजिर हो गया था ।लेकिन पुलिस वालो ने अभी भी सबक नहीं लिया है। पुजारी की लड़की का शव मिलने के बाद से पुजारी का परिवार ही नहीं समूचे मोदीनगर निवासी ही सदमे में है ।क्योंकि इससे पहले भी करीब 10 लड़कियां संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो चुकी हैं।
इन मांगो को लेकर करेंगे आंदोलन
लोकेंद्र कुमार आर्य के मुताबिक पीडित परिवार के साथ में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
केस को तुरंत सीबीआई को ट्रांसफर किया जाए। ऑपरेशन स्माइल चलाने वाले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह को वापस बुलाया जाए ताकि जिले के अपहृत एवं गुमशुदा बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर खोजा जा सके।
गाजियाबाद पुलिस अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले में गाजियाबाद पुलिस पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। थाना अध्यक्ष मोदीनगर नीरज कुमार सिंह से जानकारी लेनी चाही। तो उन्होंने फोन तक पिक नहीं किया। इसके अलावा क्षेत्राधिकारी राजकुमार से भी बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने भी फोन पिक नहीं किया। खुद एसपी देहात अरविंद कुमार मौर्य लगातार फोन काटते रहेष इसके बाद हमने गाजियाबाद के एसएसपी हरिनारायण सिंह से भी बात करने का प्रयास किया। उन्होंने भी फोन पर कोई जवाब नहीं दिया। यानी साफ जाहिर है ।पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए बचती हुई दिख रही है।
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