इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए सीईएल के सीएमडी बी एन सरकार ने कहा कि आज (सीईएल) और (सीसीई) के बीच एक करार हुआ हैं जिसके चलते सीईएल के द्वारा सौर ऊर्जा से बनाई जाने वाली बिजली सीसीआई के प्लांट को उपलब्ध कराई जाएगी। जोकि यह कोयले से बनाई जाने वाली बिजली से काफी सस्ती पड़ेगी। उससे सीमेंट की कॉस्ट भी बहुत कम आएगी। साथ ही प्रदूषण भी कम होगा। इसके लिए जहां पर सीसीआई द्वारा प्लांट लगाया जाता है वहीं सीईएल द्वारा सौर ऊर्जा के जरिये बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि सीसीओ मोड के तहत प्रोजेक्ट डेवलपर यानी सीईएल पूरा निवेश कर रहा है। संयंत्र से उत्पन्न ऊर्जा सीसीआई को प्रति किलो वाट की दर से बेची जाएगी। उम्मीद है कि संयंत्र 72 लाख यूनिट लगभग बिजली का उत्पादन करेगा। बिजली के उत्पादन की सीओ 2 उत्सर्जन में कमी लाएगा। जो 8700 टन प्रति वर्ष है। प्रस्तावित सौर ऊर्जा संयंत्र सीसीआई तंदूर तेलंगाना के परिसर के भीतर एक ही स्थान पर स्थापित किया जाएगा। यह एक स्थान पर सीसीएल द्वारा सबसे बड़ी स्थापना होगी और सीसीएल की सौर समाधान प्रदाता के रूप में विश्वसनीयता को बढ़ावा देगा।
वहीं दूसरी तरफ इस दौरान एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले (सीसीआई) के सीएमडी बीएन प्रसाद ने बताया कि (सीसीआई) और (सीईएल) के बीच जो एमओयू साइन हुआ है इसका आम लोगों को भी बेहद लाभ होगा क्योंकि जब सौर ऊर्जा से सीमेंट प्लांट को सस्ती बिजली मिलेगी तो सीमेंट की कॉस्ट में भी बहुत अंतर आएगा। जिसका लाभ सीधे -सीधे सीमेंट खरीदने वाले लोगों को भी मिलेगा और जब ज्यादा बिजली सौर ऊर्जा से ही मिलेगी तो प्रदूषण भी काफी कम होगा।