जीडीए की तरफ से प्राधिकरण उपाध्यक्ष रितू माहेश्वरी और कंपनी के परियोजना प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार ने हस्ताक्षर किए। प्राधिकरण के सभागार कक्ष में इस दौरान बताया गया कि सोडियम के स्थान पर एलईडी लाइटें लगने से साठ प्रतिशत बिजली की बचत होगी। पूरे एलईडी लाइटें लगाने पर 8 करोड 13 लाख रूपए का खर्च आएगा।
कांगेस नेता पर गिरी गाज,हुई ऐसी कार्रवाही की एक साल तक नहीं मिलेगी जमानत प्राधिकरण उपाध्यक्ष रितू माहेश्वरी ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के द्वारा बिजली बचत पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए प्राधिकरण की कालोनियों में 8006 लाइटें लगायी जाएगी। अगले पांच साल तक कंपनी को ही इन एलईडी लाइटों का रखरखाव भी करना होगा। इसमें भी जो 8 करोड 13 लाख रूपए खर्च किए जा रहे है इसमें से छह करोड 81 लाख रूपए लाइटें लगाने पर और 1 करोड 32 लाख रूपए लाइटों के रखरखाव पर खर्च किए जा रहे है।
सपा के कार्यकता तल रहे थे पकौड़े योगी की पुलिस ने कर दिया ये कांड प्राधिकरण को विद्युत बिलों तथा रखरखाव के मद में हर साल तीन करोड रूपए की बचत होगी। इईएसएल के द्वारा सोडियम से एलईडी लाइटें लगाने का कार्य चार माह में पूरा कर लिया जाएगा। ईईएसएल के परियोजना प्रोजेक्ट मैनेजर सौरभ कुमार ने बताया कि ये संस्था भारत सरकार के उर्जा मंत्रालय के अधीन अधीन सार्वजनिक उपक्रमों की एक ज्वाइंट बेंचर कंपनी है। उन्होंने बताया कि मार्ग प्रकाश व्यवस्था को ई स्मार्ट विधि से संचालित करने के लिए प्रकाश व्यवस्था के विभिन्न सर्किटस पर सीसीएमएस सेंट्रलाईज्ड कंट्रोल एंड माॅनिटरिंग सिस्टम भी लगाए जाने का प्राविधान किया गया है।