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मुरादनगर हादसे में खुलासा: 16 लाख की घूस लेकर ईओ ने दिया था मौत की गैलरी का ठेका

locationगाज़ियाबादPublished: Jan 06, 2021 03:30:57 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– मुख्य आरोपी ठेकेदार ने कहा- 30 प्रतिशत कमीशन एडवांस देना पड़ता है
– पुलिस ने ठेकेदार अजय त्यागी के पार्टनर को भी किया गिरफ्तार
– दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा

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गाजियाबाद. मुरादनगर श्मशान हादसे के मुख्य आरोपी अजय त्यागी की गिरफ्तारी के बाद अब बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। श्मशान में बनाई गई मौत की गैलरी भ्रष्टाचार के पिलर पर खड़ी हुई थी। ईओ और अन्य अधिकारियों ने 16 लाख की घूस लेकर गैलरी का टेंडर ठेकेदार अजय त्यागी को दिया गया था। यह कबूलनामा खुद मुख्य आरोपी अजय त्यागी ने पुलिस पूछताछ में किया है। उसने टेंडर प्रक्रिया में 28 से 30 परसेंट कमीशन देने की बात स्वीकारी है। पुलिस ने पूछताछ के बाद अजय त्यागी के पार्टनर संजय गर्ग को भी गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेशी के बाद फिलहालल दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
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उल्लेखनीय हैै कि मुरादनगर श्मशान घाट में रविवार को गैलरी की छत गिरने के कारण अंतिम संस्कार में आए 25 लोगों की मलबे में दबनेे से मौत हो गई थी, वहीं कई अन्य घायल हो गए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के घटना पर संज्ञान लेने के बाद पुुलिस ने ईओ निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और ठेकेदार अजय त्यागी के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या व गबन का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में ईओ, जेई और सुपरवाइज को सोमवार को ही जेल भेज दिया था। वहीं, फरार अजय त्यागी को मुजफ्फरनगर से पकड़ा गया था। एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि अजय त्यागी से पूछताछ के बाद निर्माण कार्य में उसके साझेदार संजय गर्ग को भी गिरफ्तार किया है।
मुख्य आरोपी अजय त्यागी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह मैसर्स अजय त्यागी नाम से कांट्रेक्टर फर्म चलाता है। फरवरी 2020 में ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से उसे मुरादनगर श्मशान घाट का टेंडर 55 लाख रुपए में मिला था। उसे मार्च में पहली किश्त के रूप में 26 लाख रुपए और दूसरी जुलाई में 16 लाख रुपए मिली थी। ठेका दिलाने की एवज में उसने जेई के कहने पर ईओ निहारिका सिंह को 16 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। उसने बताया कि ठेका मिलने पर एडवांस में अधिकारियों को 28 से 30 परसेंट कमीशन देना होता है।
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

वहीं, मानवाधिकार आयोग ने भी इस दुखद दुर्घटना का संज्ञान ले लिया है और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस मुखिया से चार सप्ताह में पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांग ली है।
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