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पत्रिका अभियान: नाला से नरक बना शहर, बीजेपी के पार्षद पर लगा दोहरा रवैया अपनाने का आरोप

locationगाज़ियाबादPublished: May 17, 2018 02:55:29 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

लोगों ने कई बार की शिकायत लेकिन लगातार कई हादसों के बाद भी नगर-निगम को नहीं पड़ रहा कोई फर्क

ghaziabad
गाजियाबाद। स्मार्ट सीटी की रेस में चल रहे गाजियाबाद जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जहां पानी की निकासी के लिए बनाए गए नाले लोगों की मौत का सबब बन रहे हैं, शहरवासियों का आरोप है कि नगर निगम की ओर से बनाए गए इन नालों की ना तो सुचारु रुप से सफाई की जाती है और ना ही इस तरफ ध्यान दिया जाता है। जिसकी वजह से खुले नाले आए दिन हादसों को दावत दे रहे हैं। इतना ही नहीं अलग-अलग इलाकों में कई लोग इन गंदे नालों के भरे होने के कारण काल के गाल में समा चुके हैं।
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पत्रिका अभियान के तहत हमारी टीम इस बार कैला भट्टा इलाके में पहुंची। जहां का दृश्य देखकर एक बार फिर हैरान करने वाली रही। इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां कोई साफ-सफाई नहीं होती। इस इलाके में सबसे ज्यादा मुस्लिम बस्ती है, उन्होंने कहा कि यहां लगातार कई हादसे हो चुके हैं। हर हादसे के बाद काफी बवाल भी होता है लेकिन उसके बावजूद यहां की स्थिति जस की तस बनी रहती है। उनका कहना है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और गाजियाबाद में नगर निगम की महापौर भी बीजेपी की है। उनका आरोप है इसी वजह से कि कैला भट्टा इलाके के साथ दोहरा रवैया अख्तियार किया जाता है।
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इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक गर्ग और समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मुन्नी ने भी नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, और कहा कि नगर निगम की महापौर शहर को जितना साफ सुथरा बनाने के दावे करती हैं, उनकी सारी पोल यह नाले खोलते हुए दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही बारिश का मौसम शुरू होने वाला है। लेकिन शहर के नाले बुरी तरह बंद पड़े हुए हैं। कुछ इलाके तो वास्तव में ही इस तरह दिखाई देते हैं कि यहां के लोगों से गाजियाबाद नगर निगम की महापौर और नगर निगम कर्मचारी दोहरा रवैया अख्तियार करते हैं। क्योंकि इन इलाकों में जब से पानी की निकासी के लिए यह नाले बनाए गए हैं, तब से शायद इनकी सफाई हुई ही नहीं है। जब की यहां लगातार कई बड़े हादसे भी हो चुके हैं।
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इस बारे में जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार गोयल से भी प्रतिक्रिया ली तो उनका भी यही कहना है कि भाजपा के कार्यकाल में जो कहा जाता है वह धरातल पर दिखाई नहीं देता क्योंकि जिस तरह से बुरी तरह बंद पड़े यह नाले चीख-चीखकर गवाही दे रहे हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि कितना कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही किसी की हो लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनपद में नालों में डूबने के कारण जितने भी हादसे हुए हैं उसके जिम्मेदार सीधे-सीधे नगर निगम कर्मचारी होते हैं और ऐसे होने वाले लगातार हादसों से नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों को सबक लेते हुए इस पर कार्य करना चाहिए उन्होंने कहा कि यदि नालों को कव्वाली नहीं किया जा सकता तो कम से कम नालों के दोनों तरफ ऐसी फेंसिंग कराई जानी चाहिए ताकि कोई हादसा ना हो पाए।
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आपको बता दें कि पत्रिका टीम अपने अभियान के तहत हाल ही में गाजियाबाद के कैला भट्टा इलाके में 3 दिन के अंदर हुए दो हादसों के बारे में जानकारी दी थी। इसके अलावा गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में नेशनल हाईवे 24 पर चल रहे काम के कारण बागु कॉलोनी के पानी की निकासी के लिए बनाए गए नाले बंद पड़े हुए हैं। जिसके कारण एक मासूम की उसमें डूबने से मौत हो गई थी। इतना ही नहीं एक शादी समारोह में आए लोगों की गाड़ी गिरने के बाद 7 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि लगातार कहीं ना कहीं इस तरह के हादसे हो रहे हैं ।लेकिन प्रशासनिक अधिकारी और नगर निगम का इस तरफ थोड़ा भी ध्यान नहीं है।
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