नगर निगम गाजियाबाद के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संजीव सिन्हा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर यह सर्वे करा रही हैं। इस योजना के तहत सभी घरों के बाहर यूनीक नंबर के साथ बारकोड लगाया जाना है। सरकार कि इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ भविष्य में सभी सरकारी विभागों को मिलेगा। घर के बाहर लगे बारकोड से घर संबंधी सभी जानकारी बिना गृह स्वामी से बात किए मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए पूरे नगर निगम क्षेत्र का नक्शा ले लिया गया है। फिलहाल नगर निगम के राजस्व निरीक्षक मोहल्लों के नक्शे जुटाने का कार्य कर रहे हैं। सभी नक्शे एकत्रित होने के बाद निगम क्षेत्र का सेटेलाइट मैप बनेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के बाद ऐप की मदद से कोई भी अधिकारी आसानी से हर घर की जानकारी ले पाएगा।
बारकोड में नहीं होगी कोई गोपनीय जानकारी संजीव सिन्हा ने बताया कि घरों को दिए जाने वाले बारकोड में किसी तरह की कोई गोपनीय जानकारी नहीं होगी। उसमें सिर्फ घर के मालिक का नाम, घर का वार्षिक किराया, भूखंड का आकार, विद्युत कनेक्शन नंबर, घर का फोटो, यूनीक नंबर के साथ कुछ अन्य जानकारियां रहेंगी। ये वही जानकारी होगी जो सरकारी विभागों के लिए उपयोगी होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए नगर निगम से गृह कर, सीवर टैक्स और जल कर का डेटा लिया गया है। साथ ही विद्युत निगम से विद्युत कनेक्शन का ब्योरा भी ले लिया गया है।
सर्वे कर्मचारी को देनी होगी यह जानकारी उन्होंने बताया कि घर मालिक को डोर-टू-डोर सर्वे के लिए आने वाले कर्मचारी को आधार कार्ड, गृह कर बिल, बिजली बिल और पैन कार्ड दिखाना होगा। सर्वे कर्मचारी ये जानकारी लेने के बाद घर की तस्वीर लेंगे और उसे जियो टैग करेंगे। उन्होंने बताया कि यह सर्वे करीब दो साल तक चलेगा। इसकी शुरुआत वसुंधरा, सिटी, कविनगर, मोहननगर, विजयनगर और कौशांबी से जीआईएस सर्वे से होगी। केंद्र और राज्य सरकार के इस सर्वे में फिलहाल नगर निगम सिर्फ सहयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि आरसीयूएएस के अपर निदेशक की ओर से नगर आयुक्त को इस संबंध में पत्र भेजकर जानकारी दी गई है।
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