जानकारी के अनुसार, 2019 में लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने इंद्रजीत नामक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी पर पूर्व चेयरमैन मनोज धामा हाथ है। महिला का आरोप है कि वह फरवरी 2019 में इस मामले की जानकारी करने के लिए अधिकारियों के पास गई थी। जब यह जानकारी आरोपियों को मिली तो लोनी के नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा, दीपक धामा, सत्येंद्र चौहान, शोभित मलिक, विकास पवार और राहुल धामा उसके घर पहुंचे। जहां पर उन्होंने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था। इतना ही नहीं जब महिला उनके दबाव में नहीं आई तो सभी साथियों के साथ मिलकर मनोज धामा ने महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की गई, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और अदालत के आदेश के बाद से आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
यह भी पढ़ें- कारोबारी की गर्भवती पुत्रवधू को बदमाशों ने चाकू मार लूट की वारदात को दिया अंजाम पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी, लेकिन अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को निरस्त करते हुए आरोपियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया और तभी से यह मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था। पूर्व एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता परविंदर नागर ने बताया कि इस मामले में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा समेत छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा न्यायालय में चल रहा है। तभी से सभी आरोपी फरार चल रहे हैं, जिसके तहत अब अदालत ने लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी को सभी आरोपियों की चल संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई किए जाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही 27 सितंबर को इस मामले की रिपोर्ट भी तलब की है।