गाजियापबाद। नोटबंदी के बाद में भले ही लोगों के सामने कैश की दिक्कत आ गई हो लेकिन इसने दुकानदार और कारोबारियों को डिजीटल बना दिया है। अब छोटे दुकानदार से लेकर चाय वाला पेटीएम की राह पर है, तो बड़ा कारोबारी कार्ड स्वाईप के जरिए नोटबंदी की समस्याओं को दूर कर रहा है।
ये बात हम नहीं कह रहे है बल्कि हॉटसिटी के बैंक बता रहे हैं। आकड़ों की मानें तो सभी बैंकों में 15,000 से अधिक कार्ड स्वाईप मशीन की मांग की गई है। हर रोज 15-20 आवेदन बैंकों में आ रहे हैं जिन्हें कार्ड स्वाईप मशीन की आवश्यकता है।
गाजियाबाद में पांच गुना तक स्वैप मशीन की मांग बढ़ गई है। हर कोई ग्राहकों की सहूलियत के लिए स्वैप मशीन लगाने के लिए बैंक शाखाओं में अवेदन कर रहा है। बैंक अधिकारी का दावा है कि अभी तक 15 हजार से ज्यादा आवेदन बैंकों के पास आ गए हैं।
300 से अधिक बैंक
बैंक एम्पलाइज यूनियन सदस्य एसके गुप्ता के मुताबिक गाजियाबाद में प्राईवेट और निजी बैंक की बात करें तो छोटी—बड़ी मिलाकर 300 से अधिक ब्रांच है। शहर के बड़े शोरूम और पेट्रोल पंप पर तो काफी पहले से स्वैप मशीन की सहूलियत है। लेकिन अब सभी वर्ग के दुकानदार स्वैप मशीन के आवेदन कर रहे हैं।
एसबीआई की हर शाखा में 120 से अधिक आवेदन
बैंक अधिकारियों की मानें तो शुरूआती घोषणा पर स्थिति नार्मल रही। लेकिन 15 नवम्बर के बाद में अचानक से इसमें इजाफा हो गया। एसबीआई के आरएम एसके गोयल ने बताया कि शहर में बैंक की 45 शाखाएं हैं। प्रत्येक शाखा में अभी तक 120 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं।
बैंकों को भी होगा फायदा
बैंक ऑफ बड़ौदा के सुरेश चंद बैंकों की 23 शाखाएं हैं। इनमें प्रतिदिन स्वैप मशीन लगाने के करीब 15 आवेदन आ रहे हैं। फुटकर दुकानदारों में स्वैप मशीन को लेकर जागरूकता आई है। इसकी वजह से मांग बढ़ी है, हालांकि स्वैप मशीन के होने से बैंको भी फायदा होगा।