लोगों से लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर को मिली शिकायत के मुताबिक गंग नहर में स्नान करने आने वाले लोगों के साथ यहा मौजूद गोताखोर उनके साथ लूटपाट करते हैं। यह मामला काफी हाईलाइट हुआ और इस खबर को प्रमुखता से पत्रिका ने प्रकाशित किया गया था, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों से भी पूरी तरह जवाब मांगा गया था। लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर, मुरादनगर के भाजपा विधायक अजीत पाल भाटी और ट्रांस हिंडन के भाजपा विधायक सुनील कुमार ने इस पूरे मामले में जांच कराए जाने की बात कही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद की जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने गहन जांच के आदेश दिए थे। इसी सिलसिले में सिंचाई विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा यह अधिकृत नहीं है और पहले से ही यहां किसी भी धार्मिक स्थान होने की बात नक्शे में भी नहीं है। जांच में पता चला कि यहां कुछ लोगों ने यहां छोटा हरिद्वार के नाम से बोर्ड लगा दिया था।
जिला अधिकारी की जांच में कहा गया है कि यदि यह छोटा हरिद्वार के नाम से धार्मिक स्थान बना है तो इसे सिंचाई विभाग द्वारा व्यवस्थित तरीके से बनाया जाए और यहां पर होने वाली आय के हिसाब-किताब के लिए भी एक कमेटी गठित की जाए। इसका रखरखाव भी सिंचाई विभाग की कमेटी के द्वारा ही किया जाए। यहां पर सरकारी गोताखोर भी रखने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए गए हैं। बहराल नक्शे में इस स्थान के नहीं होने के कारण सोमवार को सिंचाई विभाग की टीम मुरादनगर गंग नहर पर पहुंची और उन्होंने बोर्ड हटाने शुरू कर दिए।
इस पूरे मामले पर वहां रहने वाले पुजारी ने बताया कि सोमवार को सिंचाई विभाग की टीम मुरादनगर गंग नहर पर पहुंची थी और उन्होंने वहां लगे छोटा हरिद्वार के नाम से बोर्ड को हटाना शुरू कर दिया था। लेकिन, वहां के लोगों के द्वारा इसका विरोध किया गया और उनसे इन बोर्ड को हटाए जाने के लिए लिखित में आदेश मांगा तो उनके पास लिखित में आदेश नहीं होने के कारण सिंचाई विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ा। प्रशासन के इस कदम से यह तो साफ हो गया है कि अब मुरादनगर गंग नहर पर यदि छोटा हरिद्वार के नाम से यहां बोर्ड लगाए जाएंगे और यहां पर यदि कुछ भी विस्तार किया जाता है तो वह सिंचाई विभाग के द्वारा ही किया जाएगा। यानी जितने भी अभी तक यहां पर प्राइवेट लोग लगे थे, उन्हें सब को दरकिनार करते हुए सिंचाई विभाग ही इसकी देखरेख करेगा। आपको बताते चलें कि पत्रिका द्वारा यह विशेष अभियान चलाया गया था, जिसका यह बड़ा असर हुआ है।