उल्लेखनीय है कि लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के आकाश नगर में 11 नवंबर को पुलिस और गो तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने दावा किया था कि जिस जगह मुठभेड़ हुई उस गोदाम में कुल 9 लोग मौजूद थे। जैसे ही पुलिस गोदाम के अंदर पहुंची तो गोदाम पर मौजूद लोगों ने पुलिस पार्टी की तरफ 7 राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की तरफ से भी 13 फायरिंग हुई। इस मुठभेड़ के दौरान सात अभियुक्तों को गोली लगी, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दो अभियुक्त फरार हो गए। हालांकि इस मुठभेड़ पर शुरू से ही तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए थे, क्योंकि सभी सातों अभियुक्तों के पैर में एक ही जगह गोली लगी थी। उधर इस मुठभेड़ के हीरो बने तत्कालीन एसएचओ राजेंद्र त्यागी को निलंबित भी किया गया और इसकी गहन जांच के लिए क्षेत्राधिकारी को जांच सौंप दी गई।
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सवालों के घेरे में गाजियाबाद एनकाउंटर, मां बोली- मेरा एक बेटा नाबालिग, दो दिन बाद पता चला पुलिस ने गोली मार दी ‘पत्रिका ने बताया था एक आरोपी नाबालिग’ इस मुठभेड़ में सभी सातों अभियुक्तों के परिजनों ने भी तमाम तरह के सवाल पुलिस पर खड़े किए और मुठभेड़ को पूरी तरह से फर्जी बताया। इसकी पड़ताल के लिए ‘पत्रिका’ की टीम ने गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के परिजनों से विस्तार से बात की तो पता चला कि इन आरोपियों में एक 16 वर्षीय नाबालिग भी था, जिसे पुलिस ने 18 साल का बालिग बताकर जेल भेज दिया था। बहरहाल खबर के प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद असर हुआ है। अब एसएसपी ने कोर्ट की प्रक्रिया कराने के बाद नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजने का निर्णय लिया है।
नाबालिग को जेल से बाल सुधार गृह भेजने की प्रक्रिया शुरू एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि इस मुठभेड़ के बाद जब तमाम तरह के सवाल खड़े हुए तो इसकी गहन जांच क्षेत्राधिकारी को सौंपी गई। क्षेत्राधिकारी ने जो रिपोर्ट सौंपी है। उसमें भी नाबालिग की उम्र 16 साल पाई गई है।हालांकि कुछ जांच बिंदु अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। स्पष्ट जांच बिंदुओं के लिए रिपोर्ट को दोबारा से वापस भेजा गया है। जबकि नाबालिग की पूरी लिखा-पढ़ी करने के बाद कोर्ट के जरिए जेल से बाल सुधार गृह भेजने के निर्देश दिए गए हैं।