हत्या करने से पहले उसने अपनी पत्नी और बच्चों को कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर पिलाई थी। पुलिस ने उस मेडिकल स्टोर के संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया है जहां से प्रतिबंधित दवाइयां सुमित खरीद कर लाया था। वहीं आरोपी ने मीडिया के सामने बताया कि उसे इसका बेहद पछतावा है।
इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए गाजियाबाद के एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 21 अप्रैल को स्थानीय पुलिस को सूचना मिली थी कि ज्ञान खंड 4 इंदिरापुरम में तीन बच्चे और एक महिला की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। जिसकी सूचना पर स्थानीय पुलिस के अलावा पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान पता चला कि सुमित सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और इन सभी की हत्या उसके द्वारा ही की गई है। इस पूरी घटना के संबंध में सुमित कुमार द्वारा अपने भाई को एक व्हाट्सएप वीडियो बनाकर भेजा गया था। जिसमें स्वयं सुमित के द्वारा ही हत्या करना कबूल किया गया। उसने खुद को नशे का आदी होना भी बताया और कहा कि उसने आर्थिक तंगी से परेशान होकर यह कदम उठाया है।
व्हाट्सएप वीडियो में सुमित द्वारा यह भी बताया गया कि हत्या करने से पहले उसने नींद की दवाई कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर बच्चों और अपनी पत्नी को पिलाई थी। उसके बाद उनकी धारदार हथियार से हत्या कर दी। आरोपी ने वीडियो में कहा था कि वह स्वयं भी पोटेशियम साइनाइड खाकर आत्महत्या करने जा रहा है। जिसे वह हुकुम मेडिकल स्टोर से लेकर आया है। घटना से पूर्व भी वह नशे की गोलियां वहीं से लेता है।
एसएसपी ने बताया कि इसके आधार पर औषधि निरीक्षक गाजियाबाद व स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा हुकुम मेडिकल स्टोर पर दिनांक 22 अप्रैल को छापा मारा गया। जहां से भारी मात्रा में अवैध एवं प्रतिबंधित दवाइयां पाई गईं तथा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस का भी नवीनीकरण नहीं पाया गया। जिसके आधार पर औषधि निरीक्षक द्वारा हुकुम मेडिकल स्टोर के मालिक मुकेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने सुमित की गिरफ्तारी के लिए 5 टीम गठित की गई थी। 72 घंटे के अंदर ही पुलिस की टीम द्वारा सुमित को मणिपाल जिला उडपी, कर्नाटक से गिरफ्तार कर लिया गया है। सुमित से की गई पूछताछ के दौरान सुमित ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसकी पिछले काफी समय पहले नौकरी छूट गई थी। जिसके बाद उसका अपनी पत्नी से अक्सर झगड़ा होता था और वह आर्थिक तंगी से लगातार जूझ रहा था। साथ ही उसे नशे की लत पड़ गई थी। इस बात को लेकर उसकी पत्नी भी उसे ताने देती थी और झगड़ा होता था। उसके ऊपर कर्जा हो गया था। जिसके कारण वह परेशान रहता था।
वहीं हत्या करने के बाद उसके कपड़े भी उनके खून में सन गए थे। वह अपने खून से लथपथ कपड़ों को बदलकर घर में ही छोड़ गया था और टैक्सी बुक करने के बाद दिल्ली रेलवे स्टेशन चला गया था। यहां से त्रिवेंद्रम ट्रेन पकड़ कर निकल गया और रास्ते में इसने अपने मोबाइल फोन से कन्फ्यूजन वीडियो बनाकर अपने भाई को भेज दिया था। वहीं सुमित का कहना है कि उस समय उसके पास पोटेशियम साइनाइड नहीं था इसलिए वह आत्महत्या करने में असफल हो गया था। पुलिस से बचने के उद्देश्य से वह उडुपी कर्नाटक में ट्रेन से उतर गया था। पुलिस को सुमित के कब्जे से 1 मोबाइल फोन, एक बैग, एक पर्स, 5300 नगद रुपए, एक पासपोर्ट व अन्य सामान और कत्ल में इस्तेमाल हुआ चाकू बरामद हुआ है।