पीड़ित के शरीर पर मौजूद पिटाई के ये निशान पुलिस की बर्बरता की कहानी को बताने के लिए काफी है। पुलिस के असंवेदनशील चेहरे को सामने लानी वाली यह घटना गाजियाबाद के मोदी नगर थाना क्षेत्र की है। मोदीनगर के सीकरी कला निवासी पीड़ित नीरज कुमार के अनुसार पीड़ित देर रात करीब 12 बजे अपने काम को खत्म कर अपने एक कर्मचारी बुद्धन के साथ पास के फूड प्लाजा पर खाना खाने के लिए आया था। लेकिन जब देर रात के समय वो फूड प्लाजा पर पहुंचा तो फूड प्लाजा बन्द हो चुका था। जिसके बाद वो पास ही खाली जगह पर टॉयलेट करने के लिए चला गया।
जिसके कुछ देर बाद इलाके की शहाब नगर चौकी पर तैनात कुछ पुलिस कर्मी और चौकी इंचार्ज वहां उसके पास आये और उससे पूछताछ करने लगे। जिस पर उसने पास के गांव और खाना खाने के लिए यहां आने की बात कही। लेकिन यहां पहुचे चौकी इंचार्ज ने उससे अपनी कार को छोड़ पुलिस की गाड़ी में चौकी चलने के लिये कहा। जिस पर उसने चौकी सुबह आने की बात कही। जिसके बाद चौकी इंचार्ज और वहां मौजूद पुलिस कर्मी उसे और उसके कर्मचारी को जबरन अपने साथ चौकी ले गये। जहां दोनो से गालीगलौज पुलिस कर्मियों ने की और बेरहमी से पीड़ित नीरज की पिटाई की।
पीड़ित के अनुसार उसे तीन घण्टे तक पुलिस कर्मियों ने थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया। बेल्ट के फट्टे से भी बुरी तरह उसकी पिटाई की गयी। जिसके बाद उसे मेडिकल के लिए मोदीनगर अस्पताल लाया गया। वहां से वापिस आकर फिर देर तक उसे पीटा गया और थर्ड डिग्री दी गई। यही नहीं सुबह उसका चालान 151 में कर दिया गया। जहां से जमानत पर छूट पीड़ित ने घटना की जानकारी अपने परिवार और इलाके के लोगों को दी। घटना की जानकारी मिलने पर गुस्साए गांव वालों और परिवार के लोगों ने चौकी का घेराव किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर हंगामा किया। घटना की जानकारी मिलने पर गाजियाबाद के एसपी देहात नीरज जादौन मोके पर पहुंचे और चौकी का घेराव और नारेबाजी कर रहे लोगों को समझा कर शांत कराया।
घटना की आरंभिक जांच के बाद नीरज कुमार की निर्मम पिटाई के दोषी शहाब नगर चौकी इंचार्ज राजकुमार कुशवाह और 3 दोषी सिपाहियों सहित 4 लोगों को लाइनहाजिर कर दिया गया है। वहीं पूरे मामले की जांच मोदीनगर सीओ से आगे की कार्रवाई। की बात एसपी देहात कह रहे हैं।
घटना ने गाजियाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गम्भीर सवाल खड़े कर दिये। जिले में बढ़ते क्राइम को कंट्रोल करने में असफल पुलिस शहर के आम और निर्दोष लोगों पर अपनी जोर आजमाइश कर रही है। पीड़ित को बिना कोई ठोस वजह थर्ड डिग्री टॉर्चर लाइनहाजिर किये गए चौकी इंचार्ज और यहां तैनात पुलिस कर्मियों ने दिया । जिससे यहां के लोगों में भारी नाराजगी है। महज लाइनहाजिर करने की कार्यवाही यहां की गयी। जबकि गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई अधिकारियों को करनी चाहिए थी।