उधर इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद में जगह-जगह विभाग द्वारा वाहनों की विशेष चेकिंग की जाती है। इस दौरान तमाम वाहनों की जांच करते हुए यह भी चेक किया जाता है कि आखिर इसका रजिस्ट्रेशन कहां का है और कहां चलाया जा रहा है। यदि वह मानक के अनुसार नहीं मिल पाते हैं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल से 31 जनवरी तक करीब 760 डग्गामार वाहनों को सीज किया जा चुका है। जिनमे 461 बस हैं जबकि 299 अन्य यात्री वाहन शामिल हैं। जनपद में अनाधिकृत तरह से संचालित किए जाने पर विभाग द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और ऐसे डग्गामार वाहनों से एक करोड़ आठ की जुर्माने कस तौर पर वसूली भी की जा चुकी है और यह कार्रवाई संभागीय परिवहन विभाग की शाखाओं के अन्य प्रवर्तन दलों के द्वारा की गई है।
उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा गाजियाबाद हापुड़ नोएडा बुलंदशहर का है और लगातार अब इस तरह के वाहनों के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में अब डग्गामारी में वाहन नहीं चलने दिए जाएंगे। यानी विभाग कि अब पहली नजर बनी हुई है।