script

राकेश टिकैत को फिर मिली जान से मारने की धमकी, सुरक्षा तैनात जवान ने दर्ज कराया केस

locationगाज़ियाबादPublished: Dec 05, 2021 01:20:39 pm

Submitted by:

lokesh verma

गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को फोन पर फिर से जान से मारने की धमकी दी गई है। फोन राकेश टिकैत की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी ने उठाया था। फोन उठाते ही किसान नेता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में सुरक्षाकर्मी ने कोशाम्बी थाने में केस दर्ज कराया है।

rakesh-tikait-death-threat-case-registered-in-kaushambi-police-station.jpg
गाजियाबाद. कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी अन्य मांगों लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को फोन पर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि फोन राकेश टिकैत की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी ने उठाया था। फोन उठाते ही किसान नेता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले से पहले सुरक्षाकर्मी ने राकेश टिकैत को अवगत कराया। इसके बाद सुरक्षाकर्मी ने गाजियाबाद के कौशाम्बी थाने में फोन करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस संबंध में एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में है। फोन नंबर के आधार पर पुलिस टीम जांच में जुटी है। जल्द ही आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
बता दें कि राकेश टिकैत को धमकी देने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अप्रैल और मई के महीने में भी उन्हें जान से मारने की धमकी और रंगदारी के लिए फोन आए थे। वहीं, कृषि कानून की वापसी होने के बाद भी राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से हटने को तैयार नहीं है। किसान नेता राकेश टिकैत का साफ तौर पर कहना है कि भले ही कृषि कानून वापस ले लिए गए हों, लेकिन जब तक सरकार एमएसपी समेत उनके अन्य मुद्दों पर बात नहीं करेगी तो किसान बॉर्डर खाली नहीं करेंगे। शनिवार शाम सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा और किसानों के अन्य संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में भी यही निर्णय लिया गया है। बैठक के दौरान किसान आंदोलन को लेकर अगली रणनीति तय की गई।
यह भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया के घर धारा 82 की नोटिस चस्पा

राकेश टिकैत बोले- कृषि कानूनों की वापसी पर नहीं हुई ज्यादा खुशी

राकेश टिकैत ने कहा है कि जो मुद्दे सरकार के सामने रखे गए हैं। यदि सरकार उन पर सहमत होती है तो निश्चित तौर पर आंदोलन समाप्त कर दिया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून की वापसी होने के बाद भी उन्हें ज्यादा खुशी इसलिए नहीं है, क्योंकि कई तमाम ऐसे बिंदु हैं, जिन पर वार्ता होनी बेहद जरूरी है। इस आंदोलन के दौरान 702 किसान शहीद हो चुके हैं, जिनके नाम कृषि मंत्रालय को भेज दिए गए हैं।
ये हैं किसानों की मांगें

– एमएसपी पर कानून।

– किसानों को मुआवजा।

– शहीद किसानों के स्मारकों के लिए जमीन।

– लखीमपुर खीरी मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी।

– केंद्रीय मंत्रिमंडल से गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी।

ट्रेंडिंग वीडियो