रक्षाबंधन के दिन इस शुभ मुहूर्त में राखी बांधें बहनें
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गाजियाबाद।रक्षाबंधन पर इस बार बहन और भाइयों को राखी बांधने के लिए सिर्फ तीन घंटे का ही शुभ समय मिलेगा। चंद्रगहण लगने की वजह से ज्योतिषाचार्य़ भी बहन और भाई दोनों की मंगलमय शांति के लिए तय समय पर ही राखी बांधने की नसीहत दे रहे हैं। ग्रहण के प्रकोप को देखते हुए मंदिर के कपाट भी सात अगस्त को दोपहर में एक बजे से बंद हो जाएंगे और अगले दिन आठ अगस्त को खोले जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान पूरे वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा रहती है।
इतने समय लगेगा चन्द्रगहण
7 अगस्त को लगने वाला आंशिक (खंडग्रास) चंद्र ग्रहण भारत के अतिरिक्त आॅस्ट्रेलिया, पूर्वी प्रशांत महासागर, जापान, एशिया महाद्वीप, उत्तरी ध्रुव सागर, हिंद महासागर, यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप एवं दक्षिणी अंध महासागर में देखा जा सकेगा। खंडग्रास चंद्रग्रहण रात्रि 10 बजकर 52 मिनट पर शुरु होगा लेकिन इसका सूतक 7 अगस्त को दोपहर बाद 1 बजकर 52 मिनट से आरंभ हो जायेगा। जो कि रात्रि 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
तीन घंटे शुभ मुहूर्त, नकारात्मक ऊर्जा का रहेगा प्रभाव
ज्योतिषाचार्य आचार्य दीपक तेजस्वी के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण है। भद्रा सुबह 11:06 तक है। ग्रहण का सूतक दोपहर 01:44 पर लगेगा और शुद्ध रात्रि को 12:43 पर होगा, इसलिए सोण जिमाणा और रक्षाबंधन का कार्य 11:07 से 01:43 के बीच करना अति शुभ रहेगा। आचार्य का कहना है कि चंद्र ग्रहण के दिन बुजुर्ग, रोगी व बच्चों को छोड़कर घर के बाकि सदस्य भोजन न करें। गर्भवती स्त्रियोँ को ग्रहण में घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिये घर में रहकर मंत्रोंच्चारण करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
किसी भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें
विद्वानों की मानें तो इस काल में अपने मन में दुर्विचारों को न पनपने दें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपने आराध्य देव का ध्यान लगायें। जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिये चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। आटा, चावल, चीनी, श्वेत वस्त्र, साबुत उड़द की दाल, सतनज, काला तिल, काला वस्त्र आदि किसी गरीब जरूरतमंद को दान करें।
मंदिर के कपाट भी रहेंगे बंद
गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर के मंहत नारायण गिरी ने बताया कि 7 अगस्त को दिन में 1:00 बजे मंदिर बंद हो जाएगा दूसरे दिन 8 अगस्त को प्रातः काल आरती के बाद सब के लिए दर्शन के लिए खुलेगा प्रातः काल आरती 4:00 बज के 5:00 मिनट से आरंभ होगी उसके बाद स्तुति भगवान शंकर की स्तुति के बाद मंदिर दर्शन के लिए खुलेगा।