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देश में पहली बार सेटेलाइट आधारित होगा Rapid Rail कॉरिडोर का अलाइनमेंट, 180 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन

locationगाज़ियाबादPublished: Apr 19, 2021 03:50:52 pm

Submitted by:

lokesh verma

Rapid Rail कॉरिडोर के सटीक एलाइनमेंट के लिए सेटेलाइट पर आधारित कॉर्स(Continuous operating reference station) तकनीक का होगा इस्तेमाल

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. देश की पहले रैपिड रेल (Rapid Rail) प्रोजेक्ट का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। एनसीआरटीसी के अधकारियों के मुताबिक, देश में पहली बार रैपिड रेल के कॉरिडोर के सटीक एलाइनमेंट के लिए सेटेलाइट पर आधारित कॉर्स (Continuous operating reference station) तकनीक इस्तेमाल की जा रही है। इस तकनीक के कारण 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ रेल कॉरिडोर पर 180 प्रति घंटे की रफ्तार से रैपिड रेल दौड़ सकेगी। इस नई तकनीक के तहत 10 मिलीमीटर तक की सटीकता मिलेगी।
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बता दें कि कॉर्स तकनीक को मुख्यत: रेलवे जैसी बड़ी परियोजना के सर्वे और मैपिंग आदि में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर फ्लाईओवर के ऊपर से, नदी के ऊपर से और रेल लाइन और सड़कों के ऊपर से गुजरेगा। इसलिए सिविल स्ट्रक्चर में सटीक अलाइमेंट महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि एनसीआरसीटीसी ने देश में पहली बार सेटेलाइट पर आधारित नई तकनीक कॉर्स को इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। एनसीआरसीटीसी के जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स के अनुसार, कॉर्स को रैपिड रेल कॉरिडोर के साथ हर 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है।कॉर्स रेफरेंस कंट्रोल सेंटर से जुड़े हैं और रोवर्स पर आधारित वास्तविक अलाइनमेंट के लिए जरूरी कनेक्शन देते हैं। इस सिस्टम से 10 मिलीमीटर की सटीकता मिलती है।
मात्र एक घंटे में दिल्ली से मेरठ

बता दें कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जबकि रैपिड रेल कॉरिडोर पर ट्रेन 180 किलोमीटर अधिकतम की रफ्तार से दौड़ सकेगी। इस तरह मेरठ से दिल्ली और दिल्ली से मेरठ की दूरी मात्र एक घंटे में पूरी की जा सकेगी। रैपिड रेल की स्पीड को देखते हुए सटीक अलाइनमेंट को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसलिए कॉरिडोर पर 180 किलाेमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को सपोर्ट करने के लिए ब्लास्ट लेस ट्रैक को पांच मिलीमीटर से भी कम सटीकता के स्तर पर रखा गया है।
युद्धस्तर पर चल रहा निर्माण कार्य

उल्लेखनीय है कि रैपिड रेल प्रोजेक्ट का कार्य दिल्ली से लेकर मेरठ तक युद्धस्तर पर चल रहा है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई यानी 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर रैपिड रेल का संचालन 2023 मार्च तक प्रस्तावित किया गया है। बता दें कि साढ़े तीन किलाेमीटर एलिवेटेड ट्रैक तैयार हो चुका है। साथ ही 550 पिलर के निर्माण का काम भी पूरा हो गया है। प्रथम चरण के साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशन के फाउंडेशन का काम पूर्ण हो चुका है। अब जल्द ही यहां पटरियां बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसी तरह दिल्ली से मेरठ तक रैपिड ट्रेन कॉरिडोर का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। एनसीआरटीसी ने पूरे कॉरिडोर को 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
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