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Ground Report-3 : बोलर के परिजन बाेले- एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी, बेटे को पुलिस ने बेवजह फंसाया

locationगाज़ियाबादPublished: Nov 22, 2021 03:45:26 pm

Submitted by:

lokesh verma

Ghaziabad Encounter : लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में 11 नवंबर को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 7 गो तस्करों के पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। इसके बाद सवाल खड़े हुए तो इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी की पीठ थपथपाने के बजाय उनका तबादला कर दिया गया। वहीं, अब आरोपी युवकों के परिजन पुलिस पर वाहवाही लूटने के लिए बेवजह फंसाने का आरोप लगा रहे हैं।

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गाजियाबाद. लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में 11 नवंबर को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 7 गो तस्करों के पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। इसके बाद सवाल खड़े हुए तो इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी की पीठ थपथपाने के बजाय उनका तबादला कर दिया गया। वहीं, अब आरोपी युवकों के परिजन पुलिस पर वाहवाही लूटने के लिए बेवजह फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। टीम ‘पत्रिका’ ने जहां शनिवार व रविवार को आसिफ और इंतजार के घर जाकर उनकी पृष्ठभूमि जानने का प्रयास किया था। वहीं, सोमवार को संवाददाता तेजेश चौहान ने ग्राउंड जीरो पर तीसरे आरोपी बोलर के घर जाकर परिजनों से विशेष बात की तो उन्होंने गाजियाबाद एनकाउंटर (Ghaziabad Encounter) को फर्जी बताया। पेश है पत्रिका की ये ग्राउंड रिपोर्ट-
टीम ‘पत्रिका’ प्रेम नगर स्थित तीसरे आरोपी 18 वर्षीय बोलर के घर पहुंची तो वहां हमें आरोपी के पिता इस्लाम मिले। इस्लाम ने बताया कि वह फेरी लगाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। उनके परिवार में पत्नी, चार बेटे और दो बेटियां हैं। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। इस्लाम ने बताया कि उनका पूरा परिवार किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े या किसी आपराधिक मामलों में लिप्त नहीं है।केवल अपने काम धंधे पर ही उनका ध्यान रहता है। उन्होंने बताया कि बोलर तीसरे नंबर का बेटा है, जिसे पुलिस ने बेवजह फंसाया है। उन्होंने कहा कि बेटे पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
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बोलर की मां सरवरी ने बताया कि उनके चारों बेटों में से कोई भी बेटा ऐसा नहीं है, जिस तरह के पुलिस ने उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि बोलर पहले अपने भाई के साथ ही सिलाई करता था और कभी-कभी अपने अब्बू के साथ कपड़े की फेरी लगाने जाता था। फिर उसने कबाड़ी का काम करना शुरू कर दिया। जब उसका काम नहीं चला तो उसने लोनी बॉर्डर इलाके के आकाश नगर स्थित बड़े कबाड़ के व्यापारी सोनू के गोदाम पर नौकरी करनी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि बोलर वहां ड्रम धोने का कार्य करता था। कई बार वह देर रात तक भी काम करता था।इसलिए रात को गोदाम पर ही रुक जाता था। सरवरी ने बताया कि 11 नवंबर को ही उन्हें सोशल मीडिया से पता चला तो उनके होश उड़ गए और उन्होंने गोदाम पर जाकर पूरी जानकारी ली।
एक भी पुलिसकर्मी को क्यों नहीं लगी गोली

बोलर के पिता का कहना है कि पुलिस ने गोली चलाने और गाय काटने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जो पूरी तरह से गलत हैं। वह इस तरह का कोई काम नहीं कर सकता। उन्हें यह पूरा विश्वास है।बोलर के बारे में पूरे मोहल्ले के लोगों से जानकारी ली जा सकती है। उनके परिवार का किसी से आज तक मोहल्ले में भी कोई झगड़ा नहीं हुआ है। पुलिस चौकी तक भी वह नहीं गए और कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इतनी गोली गिरफ्तार लोगों ने पहले चलाई थीं तो पुलिस को एक भी गोली क्यों नहीं लगी? जबकि सातों लड़को को एक ही जगह गोली लगी। ऐसा संभव नहीं हो सकता। इसलिए यह मुठभेड़ पूरी तरह फर्जी है।
जेल में नहीं उपचार का साधन

बोलर के बड़े भाई नजाकत ने बताया कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ दिखाई है। इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए और जो दोषी पुलिसकर्मी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। नजाकत का कहना है कि उनका भाई बोलर अभी फिलहाल जेल में बन्द है। वह शनिवार को बोलर से मिलाई करने जेल पहुंचे थे। बोलर से चला भी नहीं जा रहा है और पैर में पस पड़ गया है। बोलर कह रहा था कि भाई यहां इलाज भी पूरी तरह से नहीं हो रहा है।
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