कृषि बिल का विरोध जताने के लिए दिल्ली कूच करने वाले सभी किसानों को दिल्ली गाजियाबाद के यूपी गेट पर रोक दिया गया था। फोर्स के रोकने के बाद किसानों ने यहीं पर धरना दे दिया था जिसके चलते नेशनल हाईवे 9 इस वक्त पूरी तरह जाम है। इस रास्ते से किसी को भी दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है। एक तरफ किसान है तो दूसरी ओर पुलिस ने मोर्चा संभाल रखा है। पिछले दस दिन से किसान यूपी गेट पर ही धरना दिए बैठे हैं। उनका खाना पीना भी वहीं हो रहा है। इन सभी किसानों की मांग है कि जब तक कृषि बिल वापस नहीं लिया जाएगा तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे और हर हाल में दिल्ली जाकर रहेंगे। किसानों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। हालांकि सरकार और किसानों के बीच सामंजस्य बैठाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए वार्ताओं का दौर चल रहा है लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।किसान अभी भी अपनी मांगों पर अडिग हैं और वह टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। अब किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया गया है। आठ दिसंबर को बड़ी संख्या में शादियां भी है। ऐसे में आम लोगों को परेशानी का सामना तो करना पड़ेगा।
किसानों ने यूपी गेट पर पिछले 10 दिन से डेरा डाला हुआ है। खाने-पीने के साथ अब उन्होंने मोबाइल चार्जिंग करने का भी सिस्टम वहां लगा लिया है। किसानों का कहना है कि इन सभी लोगों को मोबाइल चार्ज करने में काफी परेशानी हो रही थी जिसके चलते उन्होंने अब चार्जिंग सिस्टम भी यहां लगा लिया है। किसानों का कहना है कि चाहे जो हो जाए वह जब तक नहीं उठेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी। किसानों की सबसे बड़ी मांग कृषि बिल को वापस लेना है। किसानों का कहना है कि यह बिल पूरी तरह किसान विरोधी है। दूसरी तरफ सरकार भी कृषि बिल में केवल संशोधन करने की बात ही कह रही है। साफ तौर पर कृषि मंत्री ने कहा है कि कृषि बिल किसी भी हाल में वापस नहीं होगा जिसके बाद से अब किसानों में बेतहाशा उबाल है और अब सहारनपुर दिल्ली रोड पर भी किसान पहुंच गए हैं। रात से ही किसानों को दिल्ली और लोनी के बॉर्डर पर रोक दिया गया है। सभी किसान वहीं धरने पर बैठे हैं। लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है।
पुलिस प्रशासन ने भी अब किसानों की संख्या को बढ़ते देख भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिया है और दिल्ली जाने के लिए दूसरे रास्तों का विकल्प लोगों को दिया है। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उधर किसानों और सरकार के बीच चल रही लड़ाई के चलते आम जनमानस भी बेहद परेशान है। उत्तर प्रदेश के रास्ते दिल्ली जाने वाले सभी लोग बेहद परेशान हैं। एक तरफ किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है वहीं दूसरी तरफ 8 दिसंबर को बड़ी संख्या में शादियां भी हैं।
कुछ ऐसे लोगों से भी बात की गई जिन्हें शादी समारोह में जाना है तो उनका कहना है कि अब उन्होंने किसानों के द्वारा 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान करने के बाद उन्होंने शादी में जाना ही कैंसिल कर दिया है क्योंकि उन्हें आशंका है कि कहीं ना कहीं 8 दिसंबर को पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो सकता है और इसका खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ सकता है। उधर विपक्षी दल इस मुद्दे को पूरी तरह भुनाने में लगा हुआ है। विपक्षी पार्टियों के नेता भी अब किसानों को समर्थन देने बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। और उनके आंदोलन को हवा देने में लगे हुए हैं।