दूधेश्वर नाथ मंदिर में लगी भक्तों की भीड़- इस व्रत को लेकर गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर (
Dudheshwar Nath Mandir ) के महन्त नारायण गिरि महाराज
सावन सोमवार और व्रत को लेकर कई जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भगवान भोले को जल चढ़ाने के लिए सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है जो 40 दिन तक भगवान भोले को जल चढ़ाता है भगवान भोले उस भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं आप देख सकते हैं कि मंदिर में रुद्राभिषेक (
Rudrabhishek ) भी हो रहा है और भक्तजन लंबी लाइनों में खड़े हैं जब भक्तों से हमने बात की उन्होंने बताया खासकर सावन के सोमवार को जो भक्तजन भगवान भोले को जल चढ़ाते हैं भगवान भोले उनकी मनोकामना पूरी करते हैं इसीलिए वो मंदिर में जल चढ़ाने के लिए आए।
कैसे करें सावन में शिव शकंर की पूजा इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक (
Jalabhishek ) करने से व्यक्ति को दैहिक ,दैवीक,और भौतिक तपो से मुक्ति मिलती है। पूजा के दौरान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ॐ का जाप करना चाहिए। पूजा में शिव परिवार को पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, शक्कर, घी व जलधारा से स्नान कराकर गंध, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र अर्पित करें।
सावन में मंगलवार का व्रत भी है फलदायी इसके अलावा सावन की एक बात और खास है कि इस महीने में मंगलवार का व्रत भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के लिए किया जाता है। श्रावण के महीने में किए जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। इसी माह में कांवड़ मेला भी होता है। इसमे शिव भक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करते हैं।
सावन शिवरात्रि में जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस बार 29 जुलाई को हाज़िरी का जल जबकि 30 जुलाई की दोपहर 2:50 से 31 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक चतुर्दशी यानी चौदस के जल की शुभ मुहूर्त (
subh muhurt ) है।
सावन शिवरात्रि (
Sawan Shivratri ) पर सुरक्षा व्यवस्था और विभिन्न तैयारियों का जायजा लेने के लिए एसएसपी सुधीर सिंह और एसपी सिटी श्लोक कुमार रविवार मध्यरात्रि मे ही दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने मौजूद अधिकारियों को सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी निर्देश दिए कि शिवरात्रि पर सभी मुकम्मल तैयारियां पूरी कर ली जाए। जिससे किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इसके अलावा एसएसपी ने भगवान दूधेश्वर नाथ के दर्शनकर विधि विधान से पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि शिवरात्रि के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। इस लिहाज से सभी व्यवस्थाएं चुस्त दुरूस्त की गई हैं। कहीं भी किसी भी व्यवस्था में लापरवाही या हीलाहवाली न की जाये और सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबन्द रखे जाए।