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क्या है पूरा मामला जनपद के विजयनगर थाना क्षेत्र में २४ मार्च सब्जी विकेता सुंदर प्रजापति का एनकाउंटर हुआ था। इस मामले में समाजवादी पार्टी ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से एक प्रतिनिधि मंडल नियुक्त किया गया था। प्रतिनिधि मंडल की तरफ से परिवार के लोगों से मिलकर मामले की पड़ताल की गई। इसके बाद में जांच में कई पेंच सामने आए जोकि पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते है। पुलिस की थ्योरी पर सवाल सपा के जांच प्रतिनिधि मंडल में शामिल सांसद नरेन्द नागर, सुरेंद्र कुमार मुन्नी, हापुड जिलाध्यक्ष सुबोध नागर ने बताया कि दो फरवरी को पिलखुवा से विजयनगर पुलिस ने सुंदर के भाई नरेंद्र को हिरासत में लिया। छह दिन हिरासत में रखकर बीस हजार की रिश्वत मिलने पर उसे छोड़ दिया गया। 24 मार्च को मोदीनगर से सुंदर को उसके किराए के कमरे से उठाया गया। रात में उसके साथ मारपीट की गई और जब वो मर गया तो उसके पैरों में तीन गोली मारकर एमएमजी अस्पताल पहुंचाया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत होना दिखाया गया।
समाज विशेष को किया जा रहा टारगेट सपा का आरोप है कि पुलिस एनकाउंटर के नाम पर विशेष वर्ग के लोगों को टारगेट कर रही है। अपराधी की कोई जाति नहीं होती है। कथित एनकाउंटर यूपी में हो रहे है जिनमें पुलिस को छर्रे लगते है और बदमाशों के पैर में गोली लग रही है। सपा ने कभी इस तरीके का काम नहीं किया। सुंदर प्रजापति के भाई को छह दिन अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। बीस हजार लेकर उसे छोड़ा गया। फिर सुंदर का एनकाउंटर किया गया।
यह भी पढ़ेंं: यूपी में इस हाईवे के बनने के बाद यह एरिया हो जाएगा हाईटेक ये लोग रहे मौजूद प्रेस वार्ता में सुरेंद्र नगर राज्यसभा सांसद राकेश यादव विधान परिषद सदस्य दयाराम प्रजापति पूर्व मंत्री सुरेंद्र कुमार मुन्नी जिला अध्यक्ष रमेश प्रजापति राहुल चौधरी महानगर अध्यक्ष सुबोध नागर जिला अध्यक्ष हापुड़ अतुल प्रधान राशिद मलिक प्रदीप शर्मा दीपक त्यागी मुकेश चौधरी दिलशाद इस्लाम विकास शर्मा महेंद्र पाल हिमांशु पराशर जितेंद्र कसाना निर्दोष त्यागी रात देवी चौधरी आसिफ चौधरी परवेज बसोया नीरज त्यागी सुधीर भाटी पिंटू यादव आदि मौजूद रहे।
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