दरअसल, सुरेंद्र प्रकाश गोयल करीब 20 दिन से कोविड 19 की चपेट में थे । शुरुआती दौर में उन्हें यशोदा अस्पताल गाजियाबाद में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उन्हें दिल्ली के गंगाराम अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां इनका उपचार जारी था। लेकिन सुबह के वक्त इन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली ।इनके निधन की खबर के बाद कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्कि समूचे गाजियाबाद में शोक छा गया। क्योंकि 1 दिन पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी का भी आकस्मिक निधन हुआ था।
करीब 79 वर्षीय सुरेंद्र प्रकाश गोयल मूल रूप से गाजियाबाद के ही रहने वाले थे। उनका बचपन यहीं बीता और पढ़ाई गाजियाबाद में ही हुई थी। गोयल सन् 1971 में पार्षद का चुनाव लड़े। जिसमें उन्होंने जीत हासिल की और 1989 में वह नगरपालिका का चुनाव लड़े और उसमें भी सुरेंद्र प्रकाश गोयल को भारी बहुमत मिला और विजई हुए। करीब 20 साल तक वह नगर पालिका के चेयरमैन रहे।
उसके बाद 2002 में सुरेंद्र प्रकाश गोयल गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़े। जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के बालेश्वर त्यागी जोकि तीन बार विधायक रह चुके थे उन्हें पटखनी देते हुए विधायक का चुनाव जीता। दिन पर दिन सुरेंद्र प्रकाश गोयल चऊंचाइयों की तरफ बढ़ते रहे और स्थानीय लोगों के प्रिय नेता बन गए। वह 2002 से 2004 तक विधायक रहे। उसके बाद सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने 2004 सांसद का चुनाव लड़ा। जिसमें उन्हें भारी बहुमत से जीत हासिल हुई और तीन बार सांसद रह चुके रमेश चंद्र तोमर को हराया। 5 साल वे गाजियाबाद के सांसद रहे और उसके बाद अगले चुनाव में वह राजनाथ सिंह से हार गए थे।