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योगी सरकार ने होली से पहले किसानों को दिया करोड़ों का बड़ा तोहफा महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन और छाया गोली आधुनिक गर्भ निरोधक हैं। इससे पहले जो गोलियां दी जाती थीं, उन्हें लगातार खाना पड़ता था। जबकि छाया टेबलेट का प्रभाव एक सप्ताह तक रहता है। इसी तरह अंतरा इंजेक्शन तीन महीने में एक बार ही लगवाना होता है। इसका प्रभाव तीन महीनों तक रहता है। यदि कोई महिला तीन महीने बाद गर्भ धारण करना चाहती है तो उसे इसकी दूसरी खुराक लेने की जरूरत नहीं है। डॉ. त्यागी ने बताया कि इन दवाओं का किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं है। अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट पूरी तरह से सुरक्षित गर्भ निरोधक हैं। यह दोनों गर्भ निरोधक दंपतियों की बदलती जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगे, जिससे महिलाओं को उनकी गर्भधारण योजना में मद्द मिलेगी। महिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नर्सों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है। यह भी पढ़ें
UP Budget 2018: योगी जी कुछ ऐसा करें कि युवाओं को अपना प्रदेश छोड़कर नहीं जाना पड़े इन बातों पर दें ध्यान गर्भनिरोधक इंजेक्शन स्तनपान के लिए दूध को प्रभावित नहीं करता, गर्भनिरोधक इंजेक्शन भविष्य में गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित नहीं करता, कुछ महिलाओं को अंतिम इंजेक्शन लगवाने के बाद गर्भधारण में सात से दस माह का समय लग सकता है। माहवारी में कुछ बदलाव हो सकते हैं, जो नुकसानदायक नहीं हैं। अगर महावारी के सात दिन बाद इंजेक्शन लगवाया हो तो कंडोम का प्रयोग करें।