13 स्कूलों के पांच से अधिक वाहनों की फिटनेस समाप्त जानकारी के अनुसार, शासन स्तर से कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी गोपनीय जांच कराई की जा रही है। जांच में सामने आया है कि गाजियाबाद में 166 स्कूलों के 756 स्कूली वाहनों के फिटनेस समाप्त होने के बाद भी वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आरटीओ स्तर से पत्र भेजने के बाद वाहनों को सीज करने के नाम पर भी आंखे बंद कर रखी है। इस हादसे के बाद से उन सभी वाहनों की सूची बना ली गई है। जिसमें से पाया गया है कि जिले के 13 स्कूलों की पांच से अधिक बसों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है।
51 के खिलाफ मामला दर्ज वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से प्रदर्शन का आह्वान करने के आरोप में 51 के खिलाफ मोर्चा खोला। दरअसल,
आरोप है कि इन लोगों ने ‘मृतक के लिए न्याय’ के वास्ते एक पुलिस थाने के बाहर ‘लाठियां’ लेकर विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने कहा कि लोकेन्द्र आर्य नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। यह हिंसा भड़काने वाला कृत्य है। इस संबंध में भारतीय दंड संहिता और आईटी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ये था पूरा मामला गौरतलब है कि मोदी नगर स्थित एक निजी स्कूल का छात्र बुधवार को बस से बाहर झांक रहा था जब उसका सिर बिजली के खंभे से टकरा गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने स्कूल प्रशासन के विरुद्ध लापरवाही का मामला दर्ज कराया है। सूत्रों ने बताया कि स्कूल बस में क्षमता से अधिक बच्चे सवार थे। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा जारी बस के फिटनेस प्रमाण पत्र की समयसीमा पिछले साल समाप्त हो गई थी। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में सड़क परिवहन विभाग के अधिकारियों की भूमिका का संज्ञान लिया और उनकी कार्यशैली पर नाखुशी जाहिर की। गुरुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परिवहन विभाग के कर्मियों की जिम्मेदारी तय की जाए और जो इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा दी जाए।