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जानकारी के अनुसार, मूलरूप से बांदा निवासी 50 वर्षीय बच्चू सिंह और उनकी 34 वर्षीय पत्नी शकुंतला उर्फ रानी और बच्चू सिंह का 45 वर्षीय छोटा भाई राम नारायण और बच्चू सिंह का बेटा गुलशन, छोटा बेटा प्रथम और बेटी राखी यानी 6 लोग फ्लैट संख्या 107 में रह रहे थे। यह पूरी इमारत जीडीए द्वारा बनाई जा रही है। इस खाली इमारत में जीडीए में सुपरवाइजर बच्चू सिंह रहता था। बताया जा रहा है कि बच्चू सिंह के तीनों बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ रंगमंच का कार्यक्रम भी करते हैं, जो कि कार्यक्रम के लिए बाहर गए हुए थे। घर में बच्चू सिंह उनकी पत्नी और छोटा भाई ही मौजूद थे। मंगलवार शाम के वक्त चौकीदार ने फ्लैट से धुआं निकलता देखा तो उसने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और फ्लैट में लग रही आग को कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया दिया। साथ ही इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को भी दी गई। जैसे ही फ्लैट की आग को बुझाया गया तो फ्लैट के अंदर दो पुरुष और एक महिला के जले हुए शव मिले। सूचना के आधार पर जब तक स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची तब तक आग पूरी तरह बुझ चुकी थी। पुलिस ने तीनों मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस पूरे मामले की जानकारी प्रशासनिक और पुलिस के आला अधिकारियों को मिली तो एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी, क्षेत्राधिकारी भी मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम बुलाकर गहनता से इसकी जांच कराई जा रही है कि आखिर फ्लैट में आग किस कारण लगी है।
इस संबंध में गाजियाबाद के एसपी सिटी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस को 100 नंबर पर सूचना मिली थी कि प्रताप विहार के एच ब्लॉक की 10 मंजिला इमारत के फ्लैट नंबर 107 में आग लगी है। इसके आधार पर दमकल विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची तो अंदर बच्चू सिंह उनकी पत्नी शकुंतला उर्फ रानी और उनके छोटे भाई राम नारायण के शव पड़े थे। फिलहाल तीनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस पूरी घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया गहरा दुख आश्चर्य की बात यह है कि इतने दर्दनाक हादसे के बाद भी जीडीए का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि बच्चू सिंह जीडीए में स्थायी कर्मचारी था। इस दर्दनाक हादसे की गूंज लखनऊ तक जा पहुंची है। इस पूरे मामले मे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर गहरा दुख जताते हुए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को पीड़ित परिवार को प्रशासनिक मदद दिए जाने के निर्देश दिए हैं। इस पूरे मामले में अब जिलाधिकारी ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से घटना को लेकर रिपोर्ट मांगी है।