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देशभर से जुटे किन्नरों ने इस शहर में जुटकर किया ऐसा काम, देखते रह जाएंगे आप

locationगाज़ियाबादPublished: Dec 29, 2018 03:51:32 pm

Submitted by:

Iftekhar

गाजियाबाद के महंगे वोल्गा पैलेस के अंदर चल रहा है कार्यक्रम

transgender assembly

देशभर से जुटे किन्नरों ने इस शहर में जुटकर किया ऐसा काम, देखते रह जाएंगे आप

गाजियाबाद. मालीवाड़ा इलाके में अखिल भारतीय किन्नर समाज सम्मेलन का आयोजन पिछले 10 दिन से लगातार किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश भर से करीब 1000 से भी ज्यादा किन्नरों ने भाग लिया है। इस दौरान सभी किन्नर दुल्हन की तरह सजते हैं। सभी किन्नर पहले प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं । उसके बाद देर रात तक रंगारंग कार्यक्रम चलता है। इस दौरान अलग-अलग राज्यों आए किन्नर अपने-अपने राज्य की झांकियां प्रस्तुत कर नृत्य करते हैं ।इसके साथ ही ये किन्नर अपने राज्य की अद्भुत बातों और खानपान एवं नृत्य के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इस सम्मेलन के दौरान दिल्ली और गाजियाबाद के सभी किन्नर आपस में पैसा इकट्ठा करते हैं ।जिसके बाद सम्मेलन के दौरान हुआ खर्चा उसी पैसे से वहन किया जाता है । इतना ही नहीं किन्नर सम्मेलन के दौरान होने वाली पूजा में सभी किन्नर देश में चैन और अमन की दुआ भी करते हैं।

अखिल भारतीय किन्नर समाज सम्मेलन के आयोजक बबली और प्रवक्ता रेशमा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि गाजियाबाद में अखिल भारतीय किन्नर समाज सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है । इसका उद्देश्य किन्नर समाज को एकत्र करना और आपस में सामंजस्य बैठाना और अन्य समाज के लोगों में किन्नर समाज किस तरह से अपनी जगह बनाए उसके बारे में पूरी जानकारी देना और हर राज्य के किन्नर एक साथ जुड़ सकें इस उद्देश्य को लेकर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के लिए सभी राज्यों में रहने वाले किन्नरों को निमंत्रण दिया गया था। 10 दिन से लगातार यह सम्मेलन गाजियाबाद के मालीवाड़ा स्थित वोल्गा पैलेस के अंदर चल रहा है, जिसमें बड़ी मात्रा में खर्च भी किया जा रहा है, क्योंकि हजारों की संख्या में सभी किन्नर पिछले 10 दिन से यहीं रुके हुए हैं ।

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उन्होंने बताया कि यहां प्रतिदिन सर्वप्रथम खिचड़ी की रस्म अदा होती है। शुरुआती दौर में यहां 2 दिन तक पूजा पाठ चला, जिसमें हमारे समाज के 11 जन पूजा पर बैठे थे। इस दौरान वे केवल जल ही पीते हैं। उस दिन खाना भी नहीं खाते यानी व्रत रखते हैं। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर अपने देश के खुशहाली के लिए पूजा और प्रार्थना करते हैं । इसके अलावा जिन से बधाई ली जाती है, उन जजमानों के बच्चों और उनके परिवार के खुशहाली के लिए भी दुआएं करते हैं ।

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