इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के एसपी देहात नीरज कुमार जाधव ने बताया कि थाना ट्रॉनिका सिटी पुलिस को मुखबिर की सूचना पर एक बड़ी कामयाबी मिली है। इस दौरान पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए विकार उल उर्फ विक्की पुत्र साबिर अली और सचिन पुत्र अवधेश सक्सेना नाम के दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। जिनसे पूछताछ में पता चला है कि इनका यह गैंग इसलिए काफी समय से सक्रिय है और खासतौर से महाराष्ट्र की तरफ के लोगों को यह लोग निशाना बनाया करते थे। उन्होंने बताया कि पूछताछ में इनके द्वारा यह भी पता चला है कि अभी तक कुल 300 लोगों को यह लोग अपना शिकार बना चुके हैं और नौकरी लगवाने के नाम पर हर युवक से यह एक लाख रुपए की रकम तय किया करते थे आश्चर्य की बात यह है कि इनके द्वारा जिस शख्स को निशाना बनाया जाता था। उसका बाकायदा मेडिकल कराने के बाद पूरी प्रक्रिया उसी तरह किया करते थे। जिस प्रकार रेलवे में नौकरी लगती है और बाकायदा अपॉइंटमेंट लेटर भी उन्हें दिया करते थे।
एसपी देहात ने बताया कि इस तरह की सूचना थाना ट्रॉनिका सिटी पुलिस को मिली थी कि 1 गैंग इस तरह का सक्रिय है, जो कि रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को अपना निशाना बना रहा है। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस द्वारा इन 2 लोगों को धर दबोचा गया। जिन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए अपना जुर्म स्वीकार भी कर लिया है और बताया है कि यह पूरी तरह फर्जी तरह से ही पेपर तैयार किया करते थे।