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UIDAI की फोटो से चेहरा मिलाने के बाद ही मिलेगा अब नया मोबाइल सिम

locationगाज़ियाबादPublished: Aug 27, 2018 07:40:22 pm

Submitted by:

Iftekhar

UIDAI ने टेलिकॉम कंपनियों को चेहरा मिलाने की प्रक्रिया 15 सितंबर से शुरू करने के दिए निर्देश

Adhar authentication

गाजियाबाद. आधार की सुरक्षा और गलत इस्तेमाल को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने व्यक्ति की पहचान को सत्यापित करने के लिए एक अतिरिक्त तरीके के तहत फोटो का चेहरे से मिलान करने की सुविधा चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का ऐलान किया है। पहले चरण में ये सेवा दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ 15 सितंबर को शुरू की जा रही है। गौरतलब है कि uidai ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस दिशा में वक्त काम नहीं होने की वजह से बाद में इसकी तारीख बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था। जिसे एक बार फिर बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है। इसके तहत दूरसंचार कंपनियों से मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन-पत्र के साथ लगाए गए फोटो को संबंधित व्यक्ति के आमने-सामने लिए गए फोटे से किए जाने की योजना है। अब आधार प्राधिकरण ने सख्ती दिखाते हुए अगले माह यानी सितंबर के मध्य से इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर आर्थिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है। गौरतलब है कि आधार सत्यापन की पुराने नियम में कई खामियां सामने आ रही थी। इस साल जून में हैदराबाद के एक मोबाइल सिम कार्ड विक्रेता ने आधार ब्योरे में गड़बड़ी कर हज़ारों की संख्या में मोबाइल सिम एक्विटवेट कर दिए थे।

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UIDAI ने अपने बयान में कहा कि दूरसंचार कंपनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियां के लिए चेहरा मिलान की सुविधा के क्रियान्वयन के लिए कहा जाएगा। हालांकि, अभी इस बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है और न ही प्राधिकरण ने इसके लिए कोई समयसीमा ही तय की है। इस मामले में खास बात ये है कि UIDAI ने कहा है कि लाइव फेस फोटो और ई-केवाईसी के दौरान निकाली गई तस्वीर का मिलान उन मामलों में ज़रूरी होगा, जिनमें मोबाइल सिम जारी करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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यूआईडीएआई ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा है कि ये कदम फिंगरप्रिंट में गड़बड़ी की संभावना रोकने या उसकी क्लोनिंग रोकने के लिए उठाया गया है। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने कहा कि इससे मोबाइल सिम जारी करने और उसे एक्टिव करने की ऑडिट प्रक्रिया और सुरक्षा को मज़बूती मिलेगी। यूआईडीएआई की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों के लिए महीने में कम से कम 10 फीसदी सत्यापन चेहरे का लाइव फोटो से मिलान करके करना अनिवार्य होगा।

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UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने बताया कि लाइव फेस फोटो को ई-केवाईसी फोटो से मिलाने का निर्देश सिर्फ उन्हीं मामलों में आवश्यक किया गया है, जिनमें सिम जारी करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर आधार के अलावा किसी दूसरे तरीके से दूरसंचार कंपनियों की ओर से सिम जारी किया जाता है, तो ये निर्देश लागू नहीं होंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिम के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया था। इसका मतलब ये हुआ कि सिम खरीदने वाले सभी ग्राहकों को अब आमने-सामने चेहरे का मिलान किया जाएगा।

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