गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने में भले ही सियासी भूचाल मचा हुआ हो। लेकिन जिला गाजियाबाद में एमएमलसी आशु मलिक ने अपने वर्चस्व को नई बुलंदी दी है। पहले खुद एमएलसी बने फिर भाई को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया और अब सपा सुप्रीमो की मेहरबानी से मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना सीट से अपने बड़े भाई को विधानसभा का टिकट दिलवाकर साबित कर दिया कि वो सपा सुप्रीमो के कितने खास है।
कभी अखिलेश ने दिया था आशु मलिक को धक्का
24 अक्टूबर 2016 को लखनऊ में एक सभा के दौरान एक टीवी चैनल ने दावा किया था कि मंच पर जब अखिलेश और शिवपाल के बीच हाथापाई की नौबत आई तो सामने आए आशु मलिक को अखिलेश यादव ने धक्का देकर सामने से हटा दिया। गाजियाबाद से एमएलसी आशु मलिक भी पार्टी मीटिंग में लखनऊ पहुंचे थे। इस घटना के बाद साफ हो गया है अखिलेश यादव अब अपने चाचा और पिता के साथ उनके नेताओं को अपने सामने बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं
विशेष लगाव में मुलायम सिंह ने बढ़ा दिया वर्चस्व
मुलायम सिंह यादव का एमएलसी आशु मलिक के साथ में विशेष लगाव है। इसका अदांजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ में सपा के हर विशेष कार्यक्रम में मलिक की उपस्थिति रहती है। इसी लगाव की बदौलत मुलायम सिंह ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दी। इसके बाद में छोटे भाई को जिला पंचायत और बड़े भाई को लिए बुढ़ाना सीट से दावेदारी का जुगाड़ हो सका।
गाजियाबाद में सपा की राजनीति पर किया होल्ड
एमएलसी जितेन्द्र यादव व विधानसभा प्रत्याशी दिशांत त्यागी अपनी पसंद के व्यक्ति को सपा का महानगर अध्यक्ष बनवाने में प्रयासरत थे तब आशु मलिक ने एक ही झटके में अपनी पसंद के राहुल चौधरी को महानगर अध्यक्ष बनवा दिया। इसी तरीके से युवा मोर्चा के अध्यक्ष परवेज चौधरी के नाम पर भी मुहर लगवाई। ये इशारा करती है कि गाजियाबाद में सपा की राजनीति पर आशु मलिक ने अपना होल्ड बनाया हुुआ है।