अजय गुप्ता का कहना है कि व्यापारी वर्ग पहले लॉकडाउन के कारण टूट चुका था अब व्यापारियों को अपना व्यापार संभालने का अवसर मिला तो किसान आंदोलन से तमाम व्यापारी इससे प्रभावित हुए हैं। जिस तरह से किसान लगातार दो महीने से धरने पर बैठे हुए हैं, उससे उद्योगों में माल की आवाजाही खासी प्रभावित हुई है। जिसके कारण व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
यह भी देखें: किसान आंदोलन के खिलाफ सामूहिक मुंडन कराकर किया अनोखा प्रदर्शन उन्होंने कहा कि अचानक ही गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिस तरह से किसान आंदोलन ने हिंसक रूप धारण किया राष्ट्रीय धरोहर लाल किले पर तिरंगा झंडा हटा कर एक धार्मिक ध्वज लगाया गया। वह भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर, यानी जिस दिन दुनिया भर की निगाहें हिंदुस्तान के गणतंत्र दिवस की झांकी देखने के लिए लगी होती हैं, वह बेहद निंदनीय है। इस पूरे प्रकरण को देखते हुए सभी व्यापारियों की मांग है कि जो भी लोग दोषी हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए, क्योंकि इसमें देश का अपमान हुआ है।