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गंगा एक्सप्रेस वे: गरमाई किसान राजनीति तो नरम पड़े भाजपाइयों के तेवर अखिल भारतीय संत परिषद् के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने इसे बहुत ही अन्यायपूर्ण और निंदनीय कार्यवाही बताया है। उन्होंने कहा कि बहुत ही शांतिपूर्वक होने वाली सन्तों की पदयात्रा को रोका जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उन्हें पदयात्रा स्थगित करनी पड़ रही है। इसके स्थान पर अब हम सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना का महाअभियान चलाएंगे। वहीं, यतींद्र सिंह आनंद स्वामी ने कहा कि हिन्दू यह अच्छे से समझ लें कि अब इस देश में हिन्दू संन्यासी को पदयात्रा करने का अधिकार भी नहीं रह गया है।
वहीं, प्रशासन के रवैये ये व्यथित दिव्यांग संत बालयोगी ज्ञाननाथ महाराज ने कहा कि हमें प्रशासन ने नहीं, बल्कि हिन्दू की कमजोरी ने रोका है। हिंदूहित में लड़ने वाले साधु आज सबके लिए आसान शिकार हैं, क्योंकि न तो दूसरे संन्यासी और न ही कोई नेता और संगठन या स्वयं हिन्दू जनता ऐसे लोगों के साथ खड़ी होती है।
बता दें कि पुलिस अधिकारियों ने यति नरसिंहानंद सरस्वती सहित 12 साधुओं को डासना स्थित शिव शक्ति धाम में नजरबंद किया है। उधर, यति नरसिंहानंद स्वामी महाराज के समर्थक भी पुलिस और जिला प्रशासन की कार्रवाई की घोर निंदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश और देश में भाजपा सरकार है। उसके बावजूद भी साधु संत हिंदू समाज के लिए आगे आ रहे हैं और उन्हें पर यात्रा करने ससे रोका जा रहा है।