अस्पताल की स्थिति पर एक नजर
महानगर गाजियाबाद की आबादी मौजूदा समय में 28 लाख से अधिक है। इनके इलाज के लिए गाजियाबाद में सरकारी स्तर पर संयुक्त जिला चिकित्सालय और एमएमजी अस्पताल है। जबकि जरूरत के हिसाब से देखा जाए तो यहां पर पांच सरकारी अस्पतालों की जरूरत है। अकेले साहिबाबाद विधानसभा की बात कि जाए तो ये यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां पर करीब आठ लाख वोटर है ऐसे में खोडा या साहिबाबाद में सरकारी अस्पताल के होने से ट्रांस हिंडन में लोगों को बड़ी राहत मिल सकेगी।
महानगर गाजियाबाद की आबादी मौजूदा समय में 28 लाख से अधिक है। इनके इलाज के लिए गाजियाबाद में सरकारी स्तर पर संयुक्त जिला चिकित्सालय और एमएमजी अस्पताल है। जबकि जरूरत के हिसाब से देखा जाए तो यहां पर पांच सरकारी अस्पतालों की जरूरत है। अकेले साहिबाबाद विधानसभा की बात कि जाए तो ये यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां पर करीब आठ लाख वोटर है ऐसे में खोडा या साहिबाबाद में सरकारी अस्पताल के होने से ट्रांस हिंडन में लोगों को बड़ी राहत मिल सकेगी।
योगी सरकार ने होली से पहले किसानों को दिया करोड़ो का बड़ा तोहफा
महानगर के पास में नहीं है अपना सरकारी मेडिकल कॉलेज
पश्चिमी यूपी के प्रमुख जनपदों में शामिल गाजियाबाद के पास में एक भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। प्रतिभाशाली छात्र हमेशा से इसके लिए दूसरे जनपद और राज्यों का रूख करते रहे है। अगर योगी सरकार इस बार बजट में मेडिकल कॉलेज को हरी झंड़ी देती है तो इससे रोजगार के नए साधन भी विकसित होगे।
महानगर के पास में नहीं है अपना सरकारी मेडिकल कॉलेज
पश्चिमी यूपी के प्रमुख जनपदों में शामिल गाजियाबाद के पास में एक भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। प्रतिभाशाली छात्र हमेशा से इसके लिए दूसरे जनपद और राज्यों का रूख करते रहे है। अगर योगी सरकार इस बार बजट में मेडिकल कॉलेज को हरी झंड़ी देती है तो इससे रोजगार के नए साधन भी विकसित होगे।
एक तरफा प्यार का चढा ऐसा नशा कि शख्स ने उठाया ऐसा कदम, जानकर कांप जाएगी रूह लाइनपार में नहीं है डिग्री क़़ॉलेज इसी तरीके से बात अगर शिक्षा की बात की जाए तो लाइनपार इलाका पांच लाख से अधिक की आबादी वाला है। इसके अलावा सीधे तौर पर ये नोएडा से भी सटा हुआ है। बावजूद इसके यहां पर रहने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को डिग्री कॉलेज के अभाव में शहर और ट्रांस हिंडन क्षेत्र की तरफ रूख करना पड़ता है। लाइनपार की आरडब्लूए भी पिछले काफी समय से इसके लिए मांग उठा चुके है।
अधर में है व्यापारियों के लिए मार्ट की स्थिति
व्यापारियों के लिए गाजियाबाद में सरकारी स्तर पर कोई प्लेटफार्म तैयार नहीं किया गया है। बुनकर मार्ट को लेकर प्राधिकरण की तरफ से खाका तैयार किया गया था। लेकिन अभी तक इसके को लेकर स्थिति साफ नहीं है। ऐसे में संभावना है कि सरकार कौशाबीं एरिया में इन्फास्ट्र्क्चर को बढावा देकर नए प्लेटफार्म विकसित कर दे।
व्यापारियों के लिए गाजियाबाद में सरकारी स्तर पर कोई प्लेटफार्म तैयार नहीं किया गया है। बुनकर मार्ट को लेकर प्राधिकरण की तरफ से खाका तैयार किया गया था। लेकिन अभी तक इसके को लेकर स्थिति साफ नहीं है। ऐसे में संभावना है कि सरकार कौशाबीं एरिया में इन्फास्ट्र्क्चर को बढावा देकर नए प्लेटफार्म विकसित कर दे।