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बसपा सरकार में बने कांशीराम आवासों की बिजली काटी गयी, रहने वालों ने लगाया ये इल्जाम

locationगाजीपुरPublished: Feb 20, 2019 03:35:18 pm

यूपी के गाजीपुर में बड़ी बाग और आदर्शनगर के 1500 कांशीराम आवासों का मामला।

Ghazipur Kanshiram aavas

गाजीपुर कांशीराम आवास

गाजीपुर . यूपी में बसपा सरकार के दौरान मायावती अपनी सबसे महत्वकांक्षी ‘कांशीराम शहरी गरीब आवासीय योजना’ लायी थीं। इसके तहत लाखों गरीबों को रहने के लिये मुफ्त में घर दिये गए थे। इसी के चलते यह योजना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी थी। योगी सरकार में एक बार फिर यह चर्चा में है क्योंकि गाजीपुर के कांशीराम आवासों की बिजली काट दी गयी है। इसके पीछे वजह बतायी गयी है छह करोड़ का बकाया बिजली का बिल। ऐन यूपी बोर्ड की परिक्षा के दरम्यान 1500 घरों की बिजली काटे जाने के चलते इस कदम का विरोध हो रहा है। इन घरों में रहने वालों का आरोप है कि विभाग ने कभी न बिल भेजा न उन्हें ये बताया कि कनेक्शन किसके नाम पर है और अब सीधे बिजली काट दी। पिछले 11 दिनों से ये आवास अंधेरे में डूबे हैं।
 

8 साल से मुफ्त में जला रहे बिजली, बिल पहुंचा 6 करोड़

मामला गाजीपुर जिले का है। यहां बसपा सरकार के दौरान नगर के बाड़ीबाग और आदर्श गांव में कांशीराम आवासीय योजना के तहत आवास बनवाए गए थे। बीपीएल कार्डधारक पात्रों को 2010 में बाड़ीबाग में 600 और आदर्श गांव में नौ सौ कांशीराम आवास आवंटित किये गए थे। आवास के साथ ही उन्हें बिजली के कनेक्शन भी विद्युत विभाग ने दिये थे और मीटर भी लगाया गया था। विभाग का कहना है कि इन घरों में रहने वाले लाभार्थियों ने बिजली तो जलायी, लेकिन उसका बिल नहीं जमा किया। पूरा कांशीराम आवास लगातार मुफ्त की बिजली इस्तेमाल करता रहा। इधर जब बकाया छह करोड़ रुपये हो गया तो 11 दिन पहले बाड़ीबाग और आदर्श गांव के कांशीराम आवासों की बिजली कटवा दी।
टंकी का जुटा कनेक्शन, ताकि मिले पीने का पानी

तब से दोनों जगह के 1500 घर अंधेरे में डूबे हैं। बिजली कटने के चलते वहां पेयजल सप्लाई की समस्या भी पैदा हो गयी, जिसके बद वहां के निवासियों ने ऑफिसों के चक्कर लगाने शुरू कर दिये। परेशानी को देखते हुए विभाग ने पानी टंकी का कनेक्शन चार दिन पहले जोड़वा दिया ताकि वहां पेयजल संकट दूर हो सके।
बिजली विभाग ने बताया ही नहीं कनेक्शन किसके

विभाग की ओर से की गयी इस कार्रवाई का कांशीराम आवास में रहने वाले विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि 2010 में हमें आवास मिला और बिजली भी आ गयी। शुरू में बिल नहीं आया तो इंतजार करने के बाद 2012 से हम विभाग से पत्र लिखकर सूचना के अधिकार के तहत और तहसील दिवस में जानकारी मांगते रहे कि आवास में कनेक्शन किसके-किसके हैं और मीटर किनके नाम के हैं। बावजूद इसके न तो हममें से किसी को बिल मिली और न ही ये बताया गया कि कनेक्शन किनके हैं।
रिश्तेदारों के यहां पढ़ रहे बच्चे

आवासों की बिजली कटने के बाद वहां अंधेरा छा जाने से सबसे ज्यादा बोर्ड परिक्षा दे रहे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 11 दिन से ज्यादातर छात्र अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर पढ़ रहे हैं। बाकी बच्चों का सहारा लालटेन है।
मजबूरी में काटा कनेक्शन: बिजली विभाग

इस मामले में बिजली विभाग के एसडीओ सिटी शिवम राय का कहना है कि विभाग ने दोनों जगह कनेक्शन देकर मीटर लगवाए थे और हर माह बिल भेजा जाता था। पर वहां के रहने वालों ने इसका भुगतान नहीं किया। बकाया ज्यादा होने पर विभाग को मजबूरन कनेकशन काटने पड़े। पेयजल समस्या दूर करने के लिये टंकी की बिजली चालू कर दी गयी है, लेकिन बिना बिल जमा किये कनेक्शन नहीं जोड़ा जाएगा।
By Alok Tripathi

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