आयकर विभाग ने जिले में नोटबंदी के बाद जमा बड़ी रकम वाले जनधन खाताधारकों पर शुरू की कार्रवाई।
गाजीपुर. पीएम नरेन्द्र मोदी की सबसे बड़ी योजना जनधन एकाउंट ही काला धन को ठिकाने लगाने का हथियार बन गया है। अब तक तो यह चर्चा थी और सूत्रों के आधार पर खबर आ रही थी पर जब नोटबंदी के बाद सरकार ने जनधन एकाउंट में रुपये डिपोजिट का आंकड़ा पेश किया तो इसकी पुष्टि हो गई। अकेले गाजीपुर में जनधन एकाउंट में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम केवल नोटबंदी के बाद डाल दी गई। अब आयकर विभाग इसकी जांच कर रहा है। विभाग की जांच का पहला शिकार एक चाय वाला बना। उसके एकाउंट में नोटबंदी के बाद 12 नवंबर को 27 लाख रुपये जमा किये गए थे।
इनकम टेक्स और विजिलेंस की टीम यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की उस शाखा में गई जहां चाय और मिठाई की दुकान चलाने वाले गाजीपुर निवासी अजय गुप्ता का जनधन एकाउंट है। उसने वहां से कागजात देखे और इसके बाद उसके घर जाकर परिवार के लोगों और खुद अजय गुप्ता से पूछताछ की। आयकर विभाग की इस छापेमारी की कार्यवाही के बाद जनधन एकाउंट के उन खाताधारकों में बेचैनी है जिन्होंने अपने खातों में काफी रकम नोटबंदी के बाद जमा की है।
बता दें कि जिला अग्रणि प्रबंधक मिथिलेश के मुताबिक गाजीपुर में जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में तकरीबन दो अरब रुपये जमा किये जा चुके हैं। इनमें से 50 करोड़ से अधिक की रकम नोटबंदी के बाद जमा की गई है। इससे साफ है कि इन खातों का इस्तेमाल काले धन को ठिकाने लगाने के लिये किया गया है। जिन खातों में लाखों रुपये जमा किये गए हैं उनकी लिस्ट आयकर विभाग ने बैंकों से मंगवा ली है और सूत्रों की मानें तो बड़ी तादाद में ऐसे खाताधारक मिले हैं जिनके जनधन एकाउंट में बड़ी रकम जमा की गई है। इन खाताधारकों को नोटिस भी भेज दी गई है।
अजय गुप्ता जिसके एकाउंट में जमा हुए 27 लाख
उधर नोटबंदी के ठीक पांचवें दिन 12 नवंबर को जनधन खाते में एक मुश्त 27 लाख रुपये जमा होने के मामले में आयकर विभाग की टीम खाताधारक अजय गुप्त के घर पहुंची। उसे लेकर बैंक शाखा में लौटी। पूछताछ में अजय गुप्ता ने बताया कि वह रुपये उसकी मां देवंती देवी ने दिए। फिर टीम उनके घर मां देवंती देवी से भी पूछताछ करने गई, वहां कई सवाल पूछे गए पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मीडिया से बातचीत में वाराणसी से आई टीम के आयकर सहायक आयुक्त (अनुसंधान) सुमंत कुमार शर्मा ने बताया कि हर रोज बैंक के खातों में जमा हो रही रकम पर नजर रखी जा रही है। उसी क्रम में अजय के खाते में जमा रकम की जानकारी संज्ञान में आई तब विभाग का माथा ठनका। सवाल खड़ा हुआ कि अदना चाय और मिठाई विक्रेता एक मुश्त नकदी कहां से लाया। फिर हकीकत जानने के लिए टीम गाजीपुर आई। उन्होंने माना कि जयप्रकाश की दुकान तथा घर की व्यवस्था से नहीं लगता कि उतनी बड़ी रकम खुद उसकी है। कहा कि अजय पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा। यदि वह हकीकत नहीं बताएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।