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मुख्तार अंसारी का करीबी बताकर इमारत गिराने पर हाईकोर्ट सख्त, रात 10 बजे अपील खारिज सुबह 6 बजे किया ध्वस्तीकरण

locationगाजीपुरPublished: Dec 19, 2020 10:43:35 am

गाजीपुर में मुख्तार के करीबी बताए जाने वाले गणेशदत्त मिश्रा की इमारत दिसंबर को गिराई गई थी।
पिता शिवशंकर मिश्रा ने प्रशासन की कार्रवाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

गाजीपुर/प्रयागराज. बाहुबली मुख्तार अंसारी का सहयोगी बताकर गाजीपुर जिले में गणेशदत्त मिश्रा की जो बहुमंजिली इमारत को जमींदोज किये जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है। कोर्ट ने याची गणेशदत्त मिश्रा के पिता शिवशंकर मिश्रा की याचिका पर ध्वस्तीकरण पर रोक लगाते हुए सरकारी वकील से यह भी पूछा है कि याची को आदेश के खिलाफ चुनौतीदेने का समय देने से इनकार क्यों किया गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। याचिका पर सरकारी अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने बहस की। बता दें कि बीते 5 दिसंबर को गणेशदत्त मिश्रा की महुमंजिली इमारत पर गाजीपुर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर ज्यादातर हिस्सा गिरा दिया।


इस कार्रवाई के खिलाफ शिवशंकर मिश्रा ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि जिस कालोनी में उनकी इमारत गिराई गई है उसमें 600 मकान बने हैं। बावजूद इसके केवल याची के मकान को टारगेट किया गया। उनका कहना है कि उनके बेटे को मुख्तार अंसारी का सहयोगी बताकर मकान को गिराया गया। उन लोगों को सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया।


गणेशदत्त मिश्रा ने बताया कि उनके भवन को मास्टर प्लान की 36 मीटर रोड पर दिखाकर गिराया गया, जबकि उसी रोड पर 600 से अधिक मकान बने हुए हैं। हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए पूछा है कि या तो छह सौ मकान की डिटेल देकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए या फिर शिवशंकर मिश्रा के मकान को कैसे गिराया इसका जिम्मेदार अधिकारी कौन है इसकी 7 तारीख को जानकारी दें। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अनके असलहों को लेकर हुई कार्रवाई को भी रद करने का आदेश हो चुका है। मिश्रा ने मुख्तार अंसारी से नाम जोड़कर ब्राह्मण होेने के नाते कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया है।


छह दिसंबर को हुई थी कार्रवाई

बताते चलें कि गाजीपुर कोतवाली अंतर्गत चंदन नगर कालोनी जल निगम रोड स्थित गणेशदत्त मिश्रा पुत्र शिवशंकर मिश्रा की बहुमंजिला इमारत को 6 दिसंबर 2020 को गाजीपुर जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण बताकर 6 बजे सुबह-सुबह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी। 3 करोड़ 31 लाख 75 हजार रुपये की अनुमानित कीमत वाली बिल्डिंग देखते ही देखते जमींदोज हो गई थी।

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