इस कार्रवाई के खिलाफ शिवशंकर मिश्रा ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि जिस कालोनी में उनकी इमारत गिराई गई है उसमें 600 मकान बने हैं। बावजूद इसके केवल याची के मकान को टारगेट किया गया। उनका कहना है कि उनके बेटे को मुख्तार अंसारी का सहयोगी बताकर मकान को गिराया गया। उन लोगों को सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया।
गणेशदत्त मिश्रा ने बताया कि उनके भवन को मास्टर प्लान की 36 मीटर रोड पर दिखाकर गिराया गया, जबकि उसी रोड पर 600 से अधिक मकान बने हुए हैं। हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए पूछा है कि या तो छह सौ मकान की डिटेल देकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए या फिर शिवशंकर मिश्रा के मकान को कैसे गिराया इसका जिम्मेदार अधिकारी कौन है इसकी 7 तारीख को जानकारी दें। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अनके असलहों को लेकर हुई कार्रवाई को भी रद करने का आदेश हो चुका है। मिश्रा ने मुख्तार अंसारी से नाम जोड़कर ब्राह्मण होेने के नाते कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया है।
छह दिसंबर को हुई थी कार्रवाई
बताते चलें कि गाजीपुर कोतवाली अंतर्गत चंदन नगर कालोनी जल निगम रोड स्थित गणेशदत्त मिश्रा पुत्र शिवशंकर मिश्रा की बहुमंजिला इमारत को 6 दिसंबर 2020 को गाजीपुर जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण बताकर 6 बजे सुबह-सुबह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी। 3 करोड़ 31 लाख 75 हजार रुपये की अनुमानित कीमत वाली बिल्डिंग देखते ही देखते जमींदोज हो गई थी।