मजबूर होकर उतारा उम्मीदवार
भारतीय समाज पार्टी के विधायक त्रिवेणी राम ने भाजपा को पिता एवं भासपा को पुत्र बताया व कहा कि हमने गठबंधन धर्म निभाते हुए महज दो सीटों की मांग की थी, लेकिन भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी। इसलिये मजबूर होकर हमें अपने सहयोगी दल के खिलाफ उम्मीदवार उतारना पड़ा।
भारतीय समाज पार्टी के विधायक त्रिवेणी राम ने भाजपा को पिता एवं भासपा को पुत्र बताया व कहा कि हमने गठबंधन धर्म निभाते हुए महज दो सीटों की मांग की थी, लेकिन भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी। इसलिये मजबूर होकर हमें अपने सहयोगी दल के खिलाफ उम्मीदवार उतारना पड़ा।
डोर-टू-डोर संपर्क पर जोर
भाजपा, सपा, बसपा एवं भासपा जैसे राजनीतिक दलों के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवारों का जोर अब डोर-टू-डोर संपर्क पर र्है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी हों अथवा सभासद पद के, सभी का जोर प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने पर है। कई टोलियां बनाकर समर्थक विभिन्न इलाकों में निरंतर भ्रमण कर रहे हैं।
भाजपा, सपा, बसपा एवं भासपा जैसे राजनीतिक दलों के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवारों का जोर अब डोर-टू-डोर संपर्क पर र्है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी हों अथवा सभासद पद के, सभी का जोर प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने पर है। कई टोलियां बनाकर समर्थक विभिन्न इलाकों में निरंतर भ्रमण कर रहे हैं।
दिलचस्प हुई चुनावी जंग
भाजपा एवं भासपा उम्मीदवारों के बीच कड़ी रस्साकशी में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सुमन यादव भी मजबूती से लड़ रही हैं। नुक्कड़ एवं चाय की दुकानों पर चल रही चर्चा पर गौर करें तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिये अपने गृह क्षेत्र में पार्टी की नैया पार कराना लगाना उतना आसान नहीं। त्रिकोणीय संघर्ष ने चुनावी जंग को त्रिकोणीय बना दिया है।
भाजपा एवं भासपा उम्मीदवारों के बीच कड़ी रस्साकशी में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सुमन यादव भी मजबूती से लड़ रही हैं। नुक्कड़ एवं चाय की दुकानों पर चल रही चर्चा पर गौर करें तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिये अपने गृह क्षेत्र में पार्टी की नैया पार कराना लगाना उतना आसान नहीं। त्रिकोणीय संघर्ष ने चुनावी जंग को त्रिकोणीय बना दिया है।