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सपा-बसपा गठबंधन के बाद भाजपा ने नाराज दोनों सहयोगी दलों की एक बात मानी, जानिये क्या

locationगाजीपुरPublished: Jan 14, 2019 10:07:57 pm

केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने माना, सहयोगी दलों की बढ़ी है ताकत।

Narendra Modi Anupriya patel and Om Prakash Rajbhar

नरेन्द्र मोदी और अनुप्रिया पटेल ओम प्रकाश राजभर

गाजीपुर . समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन होते ही यूपी की सियासत बड़ी तेजी से करवट ली है। नाराजगी जताने के बावजूद अपने सहयोगी दलों को भाव न देने वाली भाजपा आखिरकार मान ही गयी कि साथी पार्टियों की ताकत बढ़ी है। यहां तक की अब यूपी में अपने सहयोगियों को मनाने में जुट गयी है और उसे भाई बताया है। केन्द्रीय संचार एवं रेल राज्यमंत्री व गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा ने अनुप्रिया पटेल और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी का नाम लिये बगैर कहा है कि बीजेपी बड़े भाई की तरह दोनों भाइयों का ध्यान रखेगी। नाराजगी को लेकर उन्होंने सफाई दी है कि जहां एक जगह चार बर्तन होते हैं वहां आवाज होती है।
एक तरफ वह सहयोगी दलों पर नर्म दिखे वहीं 2019 लोकसभा चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन उनके निशाने पर रहा। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय स्तर पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। कहा कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में सब देख चुके हैं की भाजपा ने रिकॉर्ड बनाते हुए 325 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया। तंज कसते हुए कहा कि सारे विरोधी आपस में मिल रहे हैं तो मतलब साफ है की भाजपा की ताकत बढ़ रही है और मोदी की लोकप्रियता विपक्ष के सपने के आड़े आ रही है। मुझे नहीं लगता कि इस अलायंस का असर 2019 के चुनाव में जनता पर होगा, क्योंकि लोगों ने 15 साल तक इन पार्टियों का शासन देखा है। बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि वहां हमारा गठबंधन नितीश कुमार और रामविलास पासवान की पार्टी के साथ है।
बताते चलें कि यूपी में अनुप्रिया पटेल की अपना दल भाजपा के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव से ही है, जबकि ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ। फिलहाल दोनों ही दल बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। राजभर तो योगी सरकार में मंत्री बनने के बावजूद लगातार उसे गठबंधन से हटने की धमकी देते रहे हैं और इसके जरिये अब वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी पर दबाव भी बना रहे हैं। उधर अपना दल सोनेलाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने भी 29 दिसंबर को पीमए मोदी के गाजीपुर और वाराणसी दौरे के ठीक पहले अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यक्रम का विरोध कर दिया और सम्मानजनक सीटें न मिलने पर एनडीए में बने रहने पर विचार करने की धमकी भी दी थी।
By Alok Tripathi

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